ओसामा

तय कीजिये आतंक का मज़हब, वर्ना ये आपका मजहब तय कर देगा

मेरे एक मुस्लिम मित्र थे, जिनसे पहली बार 2012 में मुलाकात हुई थी। प्रथमद्रष्टया स्वभाव के अच्छे लगे, अतः उनसे आत्मीयता भी बढ़ गयी, लेकिन उनका भोलापन और मृदुभाषी होना महज एक दिखावा था। इस बात का आभास मुझे उस समय हुआ जब हम लोग बाटला हाउस एनकाउंटर पर चर्चा कर रहे थे।