‘भारत के स्वराज्य’ का उद्घोष था श्रीशिवराज्याभिषेक
कहते हैं कि यदि छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म न होता और उन्होंने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना न की होती, तब भारत अंधकार की दिशा में बहुत आगे चला जाता।
हिन्दू साम्राज्य दिवस : छत्रपति शिवाजी और उनका लोकाभिमुख शासन
शिवाजी का राज्याभिषेक जिसे आज हम हिन्दू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाते हैं, केवल किसी व्यक्ति विशेष के सिंहासन पर बैठने की घटना भर नहीं थी बल्कि वह समाज और राष्ट्र की भावी दिशा तय करने वाली एक युगांतकारी घटना भी थी।
‘क्या औरंगजेब और कुतुबुद्दीन ऐबक को अपना आदर्श मानकर चल रहे हैं इमरान खान?’
आने वाले 9 नवम्बर को करतारपुर कॉरिडोर का द्वार सिख श्रद्धालुओं के लिए खोला जा रहा है। आज़ादी के बाद से पहली बार सिख अपने गुरु नानक के उस स्थान का दर्शन दीदार कर सकेंगे, जहाँ सिखों के दसवें गुरु ने अपने आखिरी पंद्रह वर्ष बिताये थे। इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व को लेकर कोई संशय कतई नहीं है।