अतीत से सबक न ले रही कांग्रेस के लिए भविष्य और कठिन होने वाला है
सोमवार को कांग्रेस की बैठक में से एक के बाद एक आए बयानों का सार यही है कि इस पार्टी के लिए गांधी परिवार ही सबकुछ है।
एयर स्ट्राइक : जो भाषा पाकिस्तान बोल रहा, वही हमारे विपक्षी नेता भी बोल रहे हैं!
भारत की एयर स्ट्राइक की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी। पाकिस्तान में भी हड़कंप मचा। शीर्ष कमांडरों की लगातार बैठक चली। प्रधानमंत्री इमरान पर भारी दबाब पड़ रहा था। यही कारण था कि पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए एफ-16 लड़ाकू विमान भेजा था। पाकिस्तान के कई आतंकी सरगना भी हमले का रोना रो रहे थे।
ईवीएम पर बेमतलब सवाल उठाना कांग्रेस के डर को ही दिखाता है!
शर्मनाक विडंबना है कि ईवीएम वोटिंग से तीन राज्य जीतने के बाद कांग्रेस अब एकबार फिर ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल उठाने में लगी है। ईवीएम पर सवाल उठाने में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ही आगे रही हैं, लेकिन जब चुनाव योग ने उन्हें ईवीएम को हैक करने के लिए बुलाया तो वो ऐसा करने में नाकाम रहे।
न्यायपालिका पर आरोप लगाकर लगातार अपनी फजीहत करवा रही कांग्रेस !
प्रधान न्यायाधीश को हटाने के प्रस्ताव संबन्धी कांग्रेस की याचिका याची पक्ष द्वारा वापस लेने के अनुरोध के बाद खारिज हुई। इसके सूत्रधार कपिल सिब्बल अब क्या करेंगे, यह देखने के लिए इंतजार करना होगा। लेकिन, इस प्रकरण के प्रत्येक कदम पर कांग्रेस की फजीहत हुई है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश पर कदाचार का कोई आरोप नहीं था। इन आरोपों के अलावा किसी स्थिति में संविधान किसी न्यायाधीश को
राम मंदिर मामले में सिब्बल की अदालती दलीलों पर अपना रुख स्पष्ट क्यों नहीं कर रही कांग्रेस ?
बहुचर्चित अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। पिछले सप्ताह विशेष पीठ द्वारा इसकी सुनवाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि राजनीतिक महकमों का इधर ध्यान खिंच गया। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अयोध्या मामले की सुनवाई को 2019 लोकसभ चुनाव तक आगे बढ़ाने की अपील की। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि इसपर राजनीति हो सकती है।
राम मंदिर मामले पर सिब्बल की दलीलों से उजागर हुआ कांग्रेस का पाखण्ड !
राम मंदिर प्रकरण पर सर्वोच्च न्यायालय की विशेष पीठ द्वारा सुनवाई की तारीख को बढ़ा दिया गया है। अब अगली सुनवाई आठ फ़रवरी को होगी। सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल जो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी हैं, ने यूपी सरकार के सोलिसिटर जनरल की तरफ से अदालत में प्रस्तुत तथ्यों पर संदेह जताया। सिब्बल का कहना था कि ये तथ्य पहले कभी दिखाए नहीं गए, जबकि सोलिसिटर जनरल ने इस बात से
तीन तलाक की पैरवी में ‘किसकी’ भाषा बोल रहे हैं कपिल सिब्बल ?
कोई भी व्यक्ति किसी संगठन से तभी जुड़ता है, जब उसके विचार संगठन की विचारधारा से साम्य प्रकट करते हैं। अतः इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि संविधानिक पीठ के समक्ष रखे गए कपिल सिब्बल के विचार तीन तलाक पर कांग्रेस की विचारधारा से साम्य रखते होंगे। साथ ही, राजनीतिक तौर पर भी कांग्रेस तीन तलाक का स्पष्ट रूप से विरोध करते हुए कभी नहीं दिखी