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आर्थिक विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है जीएसटी

यह भारत के आर्थिक परिदृश्य में मील का पत्थर साबित हुआ है। जीएसटी ने करों की संख्या, अनुपालन बोझ और आम आदमी पर समग्र कर बोझ में कमी की है।

आर्थिक संपन्नता और स्वतंत्रता की दिशा में ठोस कदम है जीएसटी

अगर स्वतंत्र भारत के शुरूआती चार दशकों का इतिहास देखें तो हम पायेंगे कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार की समाजवादी एवं साम्यवादी आर्थिक नीतियों ने एक बंद अर्थव्यवस्था विकसित की थी, जहाँ परमिट और लायसेंस की प्रणाली हमारी आर्थिक सुगमता में बाधक की तरह काम करती रही। वह नीतियों इस देश की मूल अर्थ चिन्तन के अनुरूप नहीं थीं,