भगवा पर प्रियंका गांधी के बेमतलब बोल
नागरिकता कानून की सियासत में भगवा रंग का उल्लेख अनुचित ही नहीं, अटपटा भी है। वैसे भी धर्म-संस्कृति पर सतही तौर पर बोलने से बचना चाहिए। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं, उनका विरोध सहज है। लेकिन सियासी मंसूबे के लिए भगवा पर बोलना उतना ही अनुचित है। कांग्रेस ने कुछ वर्ष पहले भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ा था। ऐसा कहने वाले नेताओं को फजीहत
मोदी राज में मुसलमानों के सशक्तिकरण से घबड़ाई कांग्रेस
मोदी सरकार का सर्वाधिक बल मुसलमानों का शैक्षिक पिछड़ापन दूर करने पर है। इसके लिए सरकार मदरसों को आधुनिक बनाने के लिए थ्री-टी योजना अर्थात टायलेट, टिफिन और टीचर पर काम कर रही है। इसके तहत देश भर के मदरसों में एक लाख शौचालय बनवाने का लक्ष्य रखा गया है
हर तरह से देशहित में है नागरिकता संशोधन क़ानून, बेमतलब है विरोध प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन कानून से भारत के नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं थी, न उनसे सरकार नागरिकता पूछने जाती। सब कुछ यथावत चलता रहता। धार्मिक आधार पर उत्पीड़ित कुछ लोगों को पनाह मिल जाती, अवैध घुसपैठ के प्रति सावधानी बढ़ती। हर प्रकार से यह क़ानून देशहित में है। लेकिन ऐसे क़ानून को भी अराजकता में बदल दिया गया।
मोदी के सवालों पर कांग्रेस की खामोशी उसके राजनीतिक पाखण्ड की ही कलई खोलती है
अभी देश में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर सरगर्मी है। इस क़ानून पर चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन से इतर कांग्रेस आदि विपक्षी दलों का रवैया भी चिंतित करने वाला है। ऐसे में कल प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के बरहेट में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस से कई सवाल पूछे
राहुल गांधी का ‘रेप इन इंडिया’ बयान कांग्रेस की वैचारिक पतनशीलता का ही सूचक है
गलती से गलत बात बोल देना भी उतना गलत नहीं होता, जितना कि गलत बात को न्यायोचित ठहराते हुए गलती पर अड़े रहना। राहुल गांधी इस दूसरी वाली अवस्था में हैं। जनाधार के साथ ही इस पार्टी की वैचारिकता और भाषाई संस्कार भी खो गए हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि उन्होंने ‘रेप इन इंडिया’ के रूप में एक सतही और ओछी बात कही है,
‘CAB-2019 के विरोध ने विपक्ष की संवेदनहीनता और स्वार्थी राजनीति को ही दिखाया है’
राज्यसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पास होने के बाद से ही लगातार असम में इसका विरोध हो रहा है। इस बिल में यह प्रावधान किया गया है कि अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले “अल्पसंख्यक समुदाय” जैसे हिन्दू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई समुदाय अगर भारत में शरण लेते हैं तो उनके लिए भारत की नागरिकता हासिल करना आसान होगा। यह विधेयक उन पर लागू होगा जिन्हें इन तीन देशों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए जाने के कारण भारत में
कांग्रेस ने गांधी के नामपर केवल राजनीति की, मोदी उनके सपनों को पूरा कर रहे हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल से अभी तक की यात्रा को देखें तो गांधी के विचारों एवं सिद्धांतों को जन-जन से जोड़ने के लिए उनकी सरकार ने सांकेतिक से लेकर व्यावहारिक तक प्रत्येक स्तर पर ठोस काम किया है। इसका सबसे बड़ा उदारहण स्वच्छ भारत अभियान है। स्वच्छ भारत का सपना महात्मा गांधी ने देखा था, लेकिन आजादी के बाद
‘महाराष्ट्र के इस प्रकरण ने कांग्रेस और शिवसेना दोनों का असली चेहरा सामने ला दिया’
महाराष्ट्र के घटनाक्रम को समझने से पहले आपको चुनाव के पहले के घटनाक्रम को देखना होगा। विधानसभा चुनाव से पहले हुए गठबंधन के तहत बीजेपी और शिव सेना ने मिलकर चुनाव लड़ा, जिसमें बीजेपी को 105 सीटें और शिव सेना को 54 सीटें हासिल हुईं।
राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय राहुल ही नहीं, एक पूरे गिरोह के मुंह पर तमाचा है!
राहुल के साथ-साथ वामपंथी गिरोह के कुछ पत्रकारों और तथाकथित बुद्धिजीवियों ने भी राहुल द्वारा झूठ की बुनियाद पर उठाए गए इस मामले में तरह-तरह के दुष्प्रचारों को हवा देने का काम किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अब एकबार पुनः उन सभी के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने राफेल को लेकर राहुल गांधी को डांट पिलाई थी
कांग्रेस के वास्तविक राजनीतिक चरित्र को ही दिखाता है चौरासी का सिख विरोधी दंगा!
यही नवम्बर महीने के शुरूआती दिन थे और साल था 1984, जब राजधानी दिल्ली की सड़कों पर मौत का तांडव मचा कर करीब 3 हजार सिखों का कत्लेआम कर दिया गया। कुछ दिनों बाद इंदिरा के बेटे राजीव गांधी ने जैसे इस नरसंहार को जायज ठहराते हुए कहा कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है।