कांग्रेस : एक राष्ट्रीय पार्टी से एक ‘वोटकटवा’ पार्टी तक का सफर
कांग्रेस की इस हालत कि उसे क्षेत्रीय दलों के बीच वोटकटवा पार्टी की भूमिका निभानी पड़ रही है, के लिए उसके भीतर मौजूद परिवारवादी राजनीति और नेताओं का अहंकारी चरित्र ही जिम्मेदार है। कांग्रेस यह माने बैठी रही और शायद आज भी है कि ये देश उसकी जागीर है और यहाँ सत्ता उसीके हाथ रहनी है। इस अहंकार में जनता और जनता के हित से दूर हो चुकी इस पार्टी की ये दुर्गति तो होनी ही थी। लोकतंत्र में जनता सबसे अधिक सम्माननीय होती है, वो अर्श पर
गुजरात : क्यों लग रहा कि ‘ठाकोर सेना’ की हिंसा को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का समर्थन प्राप्त है?
कांग्रेस पार्टी दो दशक से अधिक समय से गुजरात की सत्ता से बाहर है। जाहिर है, वहां की जनता का उसपर से विश्वास उठ चुका है। गुजरातवासियों को वर्तमान में विकास के मुद्दे को लेकर कांग्रेस से रत्ती भर भी उम्मीद नहीं है। अब यही बात कांग्रेस को हजम हो नहीं रही है और सत्ता के प्रति अपनी लालसा के कारण अब कांग्रेस गुजरात जैसे समृद्ध राज्य में अशांति फैलाकर अपनी