पारित हुए कृषि सुधार विधेयक, किसानों के जीवन में आएगा नया सवेरा
कुल मिलाकर घोषणा के स्तर पर ये विधेयक निःसंदेह आश्वस्तकारी हैं, उम्मीद है धरातल पर भी ये परिणामदायी साबित होंगें और किसानों के जीवन में नया सवेरा लाएंगे।
सरकार का अंधविरोध करते-करते विपक्ष अब संसदीय मर्यादाओं के विरोध पर उतर गया है
हां तक बिल की बात है, यह पूरी संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक ढंग से पारित किया गया है। लेकिन विपक्ष ने तो इस तरह हंगामा मचाया मानो इसे पिछले दरवाजे से बिना प्रक्रिया पूरी किए पास कर दिया गया हो।
किसानों को सशक्त बनाने वाले हैं कृषि विधेयक, भ्रम फैलाना बंद करे विपक्ष
मोदी सरकार के कार्यकाल में विपक्ष की भूमिका जनता में भ्रम और सरकार के कामों में गतिरोध पैदा करने तक सीमित होकर रह गयी है।
मोदी सरकार के प्रयासों से देश की अर्थव्यवस्था में महती भूमिका निभाने को तैयार हो रहा कृषि क्षेत्र
वर्तमान ख़रीफ़ 2020 के मौसम में देश में 1095 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का कार्य सम्पन्न किया जा चुका है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 1030 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का कार्य सम्पन्न हुआ था।
कृषि क्षेत्र के लिए दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को साकार करने की दिशा में अग्रसर मोदी सरकार
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की दृष्टि में जो सरकार के आधारभूत लक्ष्य होने चाहिए तथा जिनसे हर भारतीय स्वावलम्बी बनेगा, वही आज की मोदी सरकार की प्राथमिकता है।
कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने की कवायद
आत्मनिर्भर भारत का एक लक्ष्य किसानों को उत्पादक के साथ उद्यमी बनाने का भी है। किसानऔर कृषि, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेंगे तो रोजगार-स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे।
केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप
कोरोना वायरस महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वरूप कुछ बदलने की राह पर जाता दिखाई दे रहा है।
ग्रामीण इलाकों में उद्यमशीलता के नये युग का सूत्रपात
कृषि उपज के भंडारण, प्रसंस्करण, विपणन संबंधी बुनियादी ढांचा विकास के लिए प्रधानमंत्री ने एक लाख करोड़ रूपये के कृषि अवसंरचना कोष का गठन किया है।
जवानों और किसानों को मजबूती देते हुए आत्मनिर्भर भारत की राह पर बढ़ रही मोदी सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू से ही लाल बहादुर शास्त्री जी के ‘जय जवान जय किसान’ के नारे को चरितार्थ करने का संकल्प लिया हुआ है।
केंद्र सरकार की नीतियों का हो रहा सकारात्मक असर, देश की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा प्रभाव
लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने और आम लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो प्रयास किए गए थे, अब उनका असर दिखने लगा है।