‘आत्मनिर्भर यूपी रोजगार अभियान’ का पीएम मोदी ने किया आगाज, योगी सरकार के प्रयासों को सराहा
देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के तहत पीएम मोदी ने शुक्रवार को ‘आत्मनिर्भर यूपी रोजगार अभियान’ की शुरुआत की।
गेम चेंजर साबित हो सकता है गरीब कल्याण रोजगार अभियान
इस योजना से न केवल गाँवों से शहरों की ओर हो रहे मज़दूरों के पलायन को रोका जा सकेगा बल्कि इस क़दम से ग्रामीण विकास को भी गति मिलेगी।
मोदी 2.0 : वैचारिक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला एक साल
नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल को हम वैचारिक संकल्प की कसौटी पर परखें तो समझ में आता है कि आज़ादी के उपरांत जनसंघ के समय से जो वादें पार्टी करती आ रही थी, उन्हें पूरा करने का यश नरेंद्र मोदी को प्राप्त हुआ है।
‘सनातन संस्कृति ही अन्धकारग्रस्त विश्व को नवीन आलोक-पथ पर ले जाएगी’
हिंदुत्व की धारा से निकली राष्ट्रीयता अंतर्राष्ट्रीयता या अखिल मानवता के विरुद्ध कदापि नहीं जाती। बल्कि अखिल मानवता का चिंतन यदि कहीं हुआ है तो इसी हिंदू-चिंतन में हुआ है या उससे निकले भारतीय पंथों में ही उसके स्वर सुनाई पड़ते हैं।
राम और रामायण का विरोध करने वालों की मंशा क्या है?
राम केवल एक नाम भर नहीं, बल्कि वे जन-जन के कंठहार हैं, मन-प्राण हैं, जीवन-आधार हैं। उनसे भारत अर्थ पाता है। वे भारत के प्रतिरूप हैं और भारत उनका। उनमें कोटि-कोटि जन जीवन की सार्थकता पाता है। भारत का कोटि-कोटि जन उनकी आँखों से जग-जीवन को देखता है।
‘कोरोना महामारी से भारत की लड़ाई दुनिया के लिए विस्मय और प्रेरणा का विषय बन चुकी है’
भारत अपनी विशाल-सघन जनसंख्या एवं सीमित संसाधनों के मध्य भी जिस दृढ़ता, साहस एवं संकल्प के साथ कोरोना महामारी से लड़ रहा है, वह पूरी दुनिया के लिए विस्मय, औत्सुक्य एवं गहन शोध का विषय है। अपितु उत्सुकता एवं शोध से अधिक आज यह यूरोप और अमेरिका के लिए अनुकरण और प्रेरणा का विषय बन चुका है
सावधानी और सकारात्मकता के सहारे ही होगी कोरोना से जीत
बीते 5 अप्रैल को देश एक विराट और अनूठे आयोजन का साक्षी बना। हर वर्ष दीपावली के अवसर पर ही घरों में दीये जलते हैं, लेकिन इस बार दीपावली के पहले ही घर-घर दीयों की रोशनी नजर आई, इसलिए यह अनूठा आयोजन था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहृवान पर देशवासियों ने अपने घरों, बालकनी, आंगन, देहरी पर दीये जलाए और कोरोना से लड़ाई के इस मुश्किल दौर में
विज्ञान ही नहीं, अध्यात्म के जरिये भी कोरोना से लड़ रहा भारत
शक्ति कोई भी हो दिशाहीन हो जाए तो विनाशकारी ही होती है लेकिन यदि उसे सही दिशा दी जाए तो सृजनकारी सिद्ध होती है। शायद इसीलिए प्रधानमंत्री ने 5 अप्रैल को सभी देशवासियों से एकसाथ दीपक जलाने का आह्वान किया जिसे पूरे देशवासियों का भरपूर समर्थन भी मिला। जो लोग कोरोना से भारत की लड़ाई में प्रधानमंत्री के इस कदम का वैज्ञानिक उत्तर खोजने में लगे हैं वे
कोरोना आपदा ने समझाया कि क्यों जरूरी है नागरिकों का डाटाबेस
जो लोग मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया, बैंक खातों-राशन कार्डों को आधार संख्या से जोड़ने, प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण जैसी अनूठी मुहिम का निजता के हनन के नाम पर विरोध कर रहे थे उन्हें बताना चाहिए कि यदि ये उपाय न किए गए होते तो क्या कोरोना आपदा के समय करोड़ों लोगों के बैंक खातों तक तुरंत मदद पहुंच पाती?
कोरोना संकट : प्रधानमंत्री के सार्थक आह्वान पर विपक्ष की नकारात्मक राजनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अप्रैल, रविवार को रात्रि नौ बजे नौ मिनट तक देशवासियों से एक दीया-मोमबत्ती या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने की अपील क्या कर दी कि देश की मोदी विरोधी राजनीति में जलाजला सा आ गया। सबसे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया पर आकर घोषित किया कि वे दिया नहीं जलाएंगे।