2005 में घुसपैठियों का विरोध करने वाली ममता आज उनकी हितैषी क्यों बन रही हैं?
इन दिनों आसाम में एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन का मुद्दा उछल रहा है। इसके बहुत विस्तार में न जाते हुए सरल रूप में इतना ही समझा जा सकता है कि असम में 40 लाख लोग ऐसे रह रहे हैं जो कि भारतीय नागरिकता प्राप्त नहीं हैं। इस लिहाज से वे घुसपैठियों के दर्जे में आते हैं। ये लोग बांग्लादेशी मूल के हैं। आसाम में इनकी बड़ी आबादी निवासरत है। अब
एनआरसी प्रकरण : वोट बैंक के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने पर तुले हैं विपक्षी दल
असम के राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर प्रसंग पर संसद में हंगामा हतप्रभ करने वाला है। आंतरिक सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे पर तो राष्ट्रीय सहमति दिखनी चाहिए थी, जबकि इसमें सभी छुटे भारतीयों का नाम दर्ज होने तय है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह आंतरिक सुरक्षा की जगह सियासत का मुद्दा है। जनगणना रजिस्टर पर भारत के नागरिकों के लिए कोई कठिनाई ही नहीं है।