भारत से युद्ध की हालत में नहीं है चीन, ऐसा किया तो ये उसकी बहुत बड़ी भूल होगी !
चीन में स्थिति ये है कि वहाँ कभी बेहद सस्ती रही श्रम शक्ति अब धीरे-धीरे बढ़ते बुढ़ापे के कारण महँगी होती जा रही है, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव है। भारत में अपने उत्पादों के लिए बढ़ती मुश्किलों और आंतरिक रूप से डांवाडोल हो रही अर्थव्यवस्था के कारण ऊपर से मजबूत और चमक-दमक वाला दिख रहा चीन अन्दर ही अन्दर आर्थिक रूप से काफी परेशान है। ऐसे
सिक्किम सीमा विवाद में भारत ने जो रुख दिखाया है, चीन को उसकी उम्मीद ही नहीं रही होगी !
भारत व चीन के बीच सिक्किम सीमा के डोकलाम पर इन दिनों विवाद की स्थिति है। यहां हाल ही में भारत ने सैनिकों की तैनाती में इजाफा किया है। बताया जाता है कि वर्ष 1962 के बाद यह पहला मौका है, जब इस क्षेत्र में लंबा गतिरोध बना है, जिसके चलते दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। डोकालाम इलाका एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे भूटान अपना मानता है, जबकि चीन इसपर अपना दावा करता है।
चीन की बदमाशियों को जीएसटी से मिलेगा माकूल जवाब
भारत में 1 जुलाई, 2017 से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू कर दिया गया है। जीएसटी के प्रावधानों को देखते हुए माना जा रहा है कि इससे चीन के निर्यात पर लगाम लगेगा, क्योंकि जीएसटी के कुछ प्रावधानों के कारण चाइनीज उत्पादों का अंतर्राजीय वितरण आसानी से नहीं किया जा सकेगा, जिससे चाइनीज उत्पाद देश के दूर-दराज इलाकों तक नहीं पहुँच सकेंगे। इनकी पहुँच केवल एक राज्य के स्थानीय बाज़ारों तक
भारत को मिल रही थी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की सदस्यता, नेहरू ने चीन की झोली में डाल दिया !
भारत-चीन के बीच आजकल सीमा विवाद बेहद गंभीर रूप ले चुका है। स्थिति युद्ध वाली बन रही है। चीन का रुख बेहद आक्रामक है। यह वही चीन है, जिसे भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनवाने में अहम रोल अदा किया था पंडित जवाहर लाल नेहरु के सौजन्य से। उनका चीन प्रेम जगजाहिर था।
चीन भूल रहा है कि ये 1962 के भारत की सेना और सरकार नहीं है !
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर खिटपिट कोई नयी बात नहीं है, मगर इसबार चीन ने सिक्किम में जो किया है, उसे मामूली नहीं कह सकते। पहले चीन ने सीमा पर मौजूद भारतीय सेना के बंकरों को क्षति पहुंचाई, फिर अब उलटे भारत से वहाँ सेना को हटाने की मांग कर रहा है। चीन का कहना है कि भारत जबतक सीमा पर से अपनी सेना को वापस नहीं बुला लेता तबतक सीमा विवाद को लेकर आगे कोई बात नहीं
एससीओ की सदस्यता से पाकिस्तान को घेरने के लिए भारत को मिला एक और मंच
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ के सदस्य देशों के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत को सदस्य चुनने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आंतकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है और इससे हमे मिलकर निपटना होगा। उन्होंने थ भी कहा कि आतंकवाद मानव अधिकारों और मानव मूल्यों के सबसे बड़े उल्लंघनकारियों में से एक है। जब तक आतंकियों
एससीओ की सदस्यता से भारत की कूटनीति को मिलेगी और मजबूती
बेल्ट एंड रोड फोरम का बहिष्कार करने के बाद शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत का शामिल होना कूटनीतिक एवं कारोबारी दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर इस संगठन का सामरिक व कारोबारी महत्व है। इस संगठन का उद्देश्य चरमपंथी ताकतों को नेस्तनाबूत करने के साथ-साथ सदस्य देशों के बीच कारोबारी रिश्ते मजबूत करना है। भारत मौजूदा समय में मुख्य तौर पर आतंकवाद और पूँजी
‘मेक इन इंडिया’ के आगे धराशायी हुआ ‘मेड इन चाइना’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए मेक इन इंडिया अभियान का असर दिखना शुरू हो गया है। चीनी उत्पादों के बाजार के समक्ष अक्सर बौने साबित होने वाले भारतीय उत्पादों का लोहा अब दुनिया भी मानने लगी है। हाल ही में यूरोपीय संघ समेत दुनिया के 49 देशों के उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर किए गए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में भारत को 36 अंक दिए गए है, जबकि पड़ोसी मुल्क चीन को 28 अंको के
भारत ने किया पीडीवी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण, बढ़ी भारतीय सेना की ताकत
मोदी सरकार द्वारा केंद्र की सत्ता में आने के पश्चात् भारत की सैन्य-शक्तियों को बढ़ाने की दिशा में गंभीरतापूर्वक कदम उठाए गए हैं, जिनके फलस्वरूप आज भारत हवा, पानी और ज़मीन तीनों मोर्चों पर पर अपनी तरफ आँख उठाने वाले को माकूल जवाब देने के लिए तैयार नज़र आने लगा है। इसी क्रम में भारत ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाते हुए एडवांस्ड एयर डिफेंस इंटरसेप्टर मिसाइल के अंतर्गत पीडीवी का
अग्नि-5 का हुआ सफल परीक्षण, भारत की तरफ आँख उठाने से पहले सौ बार सोचेंगे चीन-पाक
भारत ने अपने रक्षातंत्र को मजबूत करते हुए, अग्नि पंचम को अपने बेड़े में शामिल किया हैं, जो कि अन्तरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा निर्मित इस प्रक्षेपास्त्र के आने के बाद अब आधी दुनिया भारत की जद में होगी और पाकिस्तान के साथ चीन जैसे पड़ोसी मुल्क अब अपने हलक से ज़ुबान निकालने में जरूर एक मर्तबा सोचने को विवश होंगे। देश की यह अत्याधुनिक