बिहार चुनाव : पराजितों का ईवीएम राग शुरू
ईवीएम राग के गायन का एक लाभ यह है कि पराजित दल व नेतृत्व आत्मचिंतन से साफ बच निकलता है। पराजय का पूरा ठीकरा ईवीएम पर फोड़ कर वह निश्चिंत हो जाता है।
‘चौकीदार चोर है’ का नारा उछालने के कारण अब बुरे फँसे राहुल गांधी
कोर्ट ने राहुल गांधी को लताड़ लगाते हुए सफाई मांगी और पूछा कि अदालत ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘चौकीदार चोर’ जैसे शब्दों का प्रयोग कब किया है? इसकी सुनवाई स्वयं मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच ने की और कहा कि कोर्ट ने ऐसी टिप्पणी नहीं की है। राहुल ने कोर्ट के वक्तव्य को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। कोर्ट ने राहुल को 22 अप्रैल तक जवाब पेश करने की मोहलत दी है और मीनाक्षी लेखी की याचिका पर 23 अप्रैल को सुनवाई होनी है।
प्रतिबंध के सम्मान के साथ आस्था की अभिव्यक्ति
योगी आदित्यनाथ ने चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए प्रतिबन्ध का सम्मान किया। उन्होंने इसे एक अवसर के रूप में लिया। आयोग के आदेशानुसार वह बहत्तर घण्टे तक चुनाव प्रचार नहीं कर सकते थे। योगी आदित्यनाथ संत हैं, गोरखधाम के पीठाधीश्वर हैं, इसी के अनुकूल उन्होंने प्रतिबन्ध काल में आचरण किया। संकटमोचन मंदिर में दर्शन के साथ स्पर्श बालिका विद्यालय जाकर
रमजान में मतदान पर विपक्षी नेताओं की व्यर्थ सियासत
जो लोग रमजान की तीन तारीखों पर मतदान का विरोध कर रहे हैं, उन्हें मुस्लिम समाज की जमीनी जानकारी नहीं है, या वह किसी अन्य उद्देश्य से विरोध कर रहे हैं। यह अच्छा है कि अनेक मुसलमान ऐसे विरोध को अनुचित बता रहे हैं।
लाभ का पद प्रकरण : ‘आप’ जैसे विचार विहीन दल का ये हश्र चौंकाता नहीं है !
आम आदमी पार्टी के लिए कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। पिछले दिनों राज्यसभा के टिकट दो धनाढ्य लोगों को दिए जाने के बाद से ही लगातार आंतरिक एवं बाहरी विरोधी झेल रही पार्टी को अब सबसे बड़ा झटका लगा है। पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता खत्म होने की कगार पर है। यह मामला लाभ के पद का है, जिसे लेकर निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति से इन जनप्रतिनिधियों की सदस्यता समाप्त करने की
चुनाव आयोग की ईवीएम हैकिंग की चुनौती पर सन्नाटा क्यों मारे हुए हैं विपक्षी दल ?
गत मार्च में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की बम्पर विजय से बौखलाए विपक्षी दलों ने अपने बचाव में और कोई दलील न देखकर एक नया शिगूफा उछाल दिया। शिगूफा यह कि भाजपा ने यह जीत ईवीएम में हेर-फेर करके प्राप्त की है। इस शिगूफे की शुरुआत यूपी में अपना सूपड़ा साफ़ होने से बौखलाई मायावती ने की जिसे पंजाब में हार से बौखलाए अरविन्द केजरीवाल एंड कंपनी ने लपक लिया।
चुनाव आयोग की ईवीएम हैक करने की चुनौती पर गोल-मोल बातें क्यों बना रहे केजरीवाल ?
चुनाव आयोग ने इन्हें ईवीएम हैक करने की चुनौती दी है, तो इनसे कुछ ठोस जवाब देने नहीं बन रहा । दरअसल तकनीकी विशेषज्ञों का स्पष्ट कहना है कि ईवीएम से किसी तरह कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकती । इसलिए चुनावी आयोग की चुनौती पर अब केजरीवाल गोल-मोल बातें बना रहे हैं ।