जीएसटी

अरुण जेटली : भारतीय राजनीति के एक दूरदर्शी, सुधारवादी और सौम्य नेता का जाना

अब तक के अपने राजनीतिक जीवन में मुझे अनेक वरिष्ठ राजनेताओं से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ है। मगर मुझे सर्वाधिक प्रभावित किसी ने किया है, तो वह अरुण जेटली जी थे। वर्ष 2003-04 के आसपास मुझे उत्तराखंड भाजपा में प्रदेश सह-मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी मिली थी।

जीएसटी के कारण कर संग्रह में हो रही वृद्धि

वित्त वर्ष 2018-19 में मासिक जीएसटी राजस्व 981 अरब रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में 9.2 प्रतिशत अधिक है। इससे संकेत मिलता है कि हाल के महीनों में राजस्व वृद्धि ने जोर पकड़ा है। मार्च में कुल जीएसटी संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है, जिसमें केंद्रीय जीएसटी 203 अरब रुपये, एसजीएसटी 275 अरब रुपये और आईजीएसटी 504 अरब रुपये रहा। इसके अलावा केंद्र सरकार को उपकर मद में 82 अरब रुपये

सरकार के सुधारों से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में हो रही वृद्धि

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में किये जा रहे सुधारों के कारण जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिसका पता वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में पेश किये गये आंकड़ों से चलता है। आंकड़ों के अनुसार पंजीकृत कंपनियों/कारोबारियों में से 71.25 प्रतिशत ने नवंबर, 2018 में जीएसटी मासिक रिटर्न दाखिल किया था, जबकि जुलाई, 2018 में यह 80 प्रतिशत था। जनवरी, 2018 में 87.4 प्रतिशत रिटर्न दाखिल गया था, जबकि अगस्त, 2017 में यह 92.6 प्रतिशत था।  

क्या देश की छवि खराब करने दुबई गए थे राहुल गांधी?

कभी अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी-बिगड़ेंगी, लेकिन यह देश रहना चाहिए। इसका निहितार्थ था कि राजनीतिक विरोध की एक सीमा होनी चाहिए। जहां राष्ट्रहित का प्रश्न हो वहां केवल आपसी सहमति का प्रदर्शन होना चाहिए।

मोदी सरकार के सुधारवादी क़दमों से अर्थव्यवस्था के मानकों में बेहतरी के संकेत

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल से दिसंबर महीने के दौरान सरकार का आयकर राजस्व 7.43 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 13.6 प्रतिशत ज्यादा है, जबकि अग्रिम कर संग्रह पिछले साल की तुलना में 14.5 प्रतिशत ज्यादा है।

राजकोषीय घाटे को लक्ष्य के अनुरूप रखने में कामयाब रहेगी मोदी सरकार!

अगले वर्ष चुनाव होने के कारण सरकारी खर्च में बढ़ोतरी होने की गुंजाइश है। फिर भी,  राजकोषीय घाटा के लक्ष्य के अनुरूप रहने का अनुमान है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में केंद्र की हिस्सेदारी से चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी, क्योंकि आगामी महीनों में जीएसटी संग्रह में और भी वृद्धि होने का अनुमान है। हालाँकि, कहा जा रहा है

अच्छे दिन : ‘भारत में संपत्ति का लोकतांत्रिकरण हो रहा है’

सितंबर तिमाही के लिये जीडीपी आंकड़े कुछ दिनों के बाद जारी किये जाने वाले हैं, लेकिन इससे पहले अर्थशास्त्री एवं देश व विदेश के वित्तीय संस्थान जीडीपी के आंकड़ों के गुलाबी होने का अनुमान लगा रहे हैं। अर्थशास्त्रियों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी 7.2% से 7.9% के बीच रह सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में 7.4% की दर से विकास

विपक्षी विरोध से इतर तथ्य तो यही बताते हैं कि नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है!

आज से दो वर्ष पूर्व, यही 8 नवम्बर की तारीख थी, जब देश में काले धन, नकली नोट जैसी आर्थिक विसंगतियों पर चोट करने वाला एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। रात 8 बजे अचानक प्रधानमंत्री ने देश के नाम संबोधन में इस निर्णय का ऐलान किया जिसके बाद सब तरफ उथल-पुथल का एक अलग ही माहौल बन गया। निस्संदेह नोट बदलने के लिए लगने वाली लम्बी कतारों

जीएसटी के जरिये ई-कॉमर्स कंपनियों पर शिकंजे से बढ़ेगा राजस्व

नये नियमों के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत टैक्स डिड्क्कशन एट सोर्स (टीडीएस) एवं टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) देना होगा। इसके लिये केंद्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने उन कंपनियों के लिए ऑडिट और समाधान फॉर्म जारी किया है, जिनका कारोबार 2 करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा है। दरअसल, इस नियम

जीएसटी के इन नए बदलावों से छोटे कारोबारियों को मिलेगी बड़ी राहत

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को बेहतर बनाने के लिये सरकार लगातार कोशिश कर रही है। इस क्रम में सरकार जीएसटी के 28 प्रतिशत कर के स्लैब को खत्म करना चाहती है। साथ ही  वह 12 एवं 18 प्रतिशत के स्लैब को मिलाकर एक करना चाहती है। इस आलोक में केंद्र सरकार राज्यों से चर्चा कर रही है। मौजूदा समय में जीएसटी के 28 प्रतिशत के स्लैब में 37 उत्पाद हैं, जिन्हें