जीडीपी

आर्थिक गतिविधियों को गति देने वाला बजट

बजट में आधारभूत संरचना खास करके ग्रामीण आधारभूत संरचना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, बैंकिंग क्षेत्र, एमएसएमई क्षेत्र आदि को मजबूत बनाने पर विशेष ज़ोर दिया गया है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से हो रहा सुधार

कोरोना के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुक़ाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।

अर्थव्यवस्था के सभी मानकों में लगातार हो रहा सुधार

अर्थव्यवस्था के सभी मानकों में लगातार सुधार होने से अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौटने लगी है। जीएसटी संग्रह में और भी इजाफा होने की उम्मीद है।

आर्थिक सुस्ती के सभी पूर्वानुमानों को नकारते हुए तेजी से आगे बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था

कोरोना संकट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर जिस तरह का दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका आर्थिक विश्लेषक जता रहे थे, वो गलत साबित होती नजर आ रही है।

कोरोना के प्रभाव से उबरकर रफ़्तार पकड़ रही जीडीपी

कोरोना महामारी के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी दर प्रभावित हुई थी, लेकिन दूसरी तिमाही में निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में उम्मीद से ज्यादा बेहतरी आई है।

सरकार के क़दमों का दिखने लगा असर, रफ़्तार पकड़ रहीं आर्थिक गतिविधियाँ

सरकार के क़दमों से महामारी के प्रभाव से उबरकर अब अर्थव्यवस्था स्थायित्व एवं बेहतरी की दिशा में आगे बढ़ रही है। अगस्त के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है।

आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की पहल

भले ही मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से 6 फरवरी, 2020 की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया, लेकिन दूसरे उपायों से केंद्रीय बैंक, बैंकों को सस्ती पूँजी उपलब्ध करायेगा। रिजर्व बैंक का कहना है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर वह दरों में कटौती भी कर सकता है। अभी मुद्रास्फीति की दर 7.4 प्रतिशत है और ऐसी

ये तथ्य संकेत देते हैं कि नए साल में मजबूत रहेगी अर्थव्यवस्था

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान नई परियोजनाओं में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा हुआ है। पिछले साल की तीसरी तिमाही के मुकाबले यह रकम ज्यादा है। पिछले साल इस दौरान परियोजनाओं में 3.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया था। परियोजनाओं की गतिविधियों पर नजर रखने वाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी

मोदी सरकार के सुधारवादी क़दमों से अर्थव्यवस्था के मानकों में बेहतरी के संकेत

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल से दिसंबर महीने के दौरान सरकार का आयकर राजस्व 7.43 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 13.6 प्रतिशत ज्यादा है, जबकि अग्रिम कर संग्रह पिछले साल की तुलना में 14.5 प्रतिशत ज्यादा है।

नए आधार वर्ष के कारण जीडीपी के बदले आंकड़ों पर सवाल क्यों?

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के 9 सालों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में यह 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी। सीएसओ ने संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान 4 वर्षों की विकास दर में 1 प्रतिशत से अधिक की कटौती की है।