डीजल

सुधार की राह पर तेजी से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था

कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने से अर्थव्यवस्था के हर मोर्चे पर तेजी से सुधार हो रहा है। राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है जिससे राजकोषीय घाटा में कमी आ रही है।

एक अप्रैल से दुनिया का सबसे स्वच्छ पेट्रोल-डीजल देने वाला देश बनने जा रहा भारत

आगामी पहली अप्रैल से भारत एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। देश में विश्‍व का सबसे स्‍वच्‍छ पेट्रोल एवं डीजल मिलेगा। देश इस ऐतिहासिक बदलाव के लिए तैयार है। यूरो-4 ग्रेड के ईंधन से अब हमारा देश यूरो-6 ग्रेड के ईंधन की दिशा में कदम रखने जा रहा है। यह बात देशवासियों के लिए गर्व भरी है कि महज तीन वर्षों में भारत इस मुकाम पर पहुंचा है।ऐसा इसलिए है क्‍योंकि विश्‍व

भाजपा सरकारों ने तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम कर दीं, अन्य दलों की सरकारें कब करेंगी?

केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को राहत दी है। केंद्र ने खुद तो उत्पाद शुल्क कम करके पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में ढाई रुपये की कमी की ही है, राज्यों से भी इतनी ही कमी करने की अपील की है। केंद्र सरकार की इस अपील  के बाद भाजपा शासित लगभग सभी राज्यों ने पेट्रोल-डीजल का मूल्य ढाई रुपये कम करने का ऐलान कर दिया।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भारत बंद करने वाली कांग्रेस पहले अपने गिरेबां में तो झांके!

वेनेजुएला की राजनीतिक उथल-पुथल, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध, मुद्रा बाजार की उठा-पठक जैसे कारणों से कच्‍चे तेल की कीमतों में तेजी ने देश के सत्‍ताच्‍युत व जनाधार विहीन नेताओं को ऑक्‍सीजन देने का काम किया है। इन नेताओं से सबसे अहम सवाल यह है कि जब वे सत्‍ता में थे तब उन्‍होंने घरेलू तेल उत्‍पादन बढ़ाने, वैकल्‍पिक ईंधन के विकास, तेल की बचत जैसे दूरगामी

पॉर्टेबल पेट्रोल पंप से जन-जीवन होगा आसान

देश में पेट्रोल पंपों की उपलब्धता के नजरिये से भारत को शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में विभाजित किया जा सकता है। शहरी क्षेत्रों में पेट्रोल अमूमन आसानी से मिल जाता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पेट्रोल पंपों की संख्या अभी भी नगण्य है, जिसके कारण ग्रामीणों को खेतों की सिचाई करने या खेतों को जोतने हेतु पम्पसेट या ट्रैक्टर में पेट्रोल या डीजल भरवाने के लिये नजदीक के शहरों में