तानाशाही

हिंसा ममता बनर्जी को रास आ सकती है, सोनार बांग्ला का स्वप्न देखने वाली बंगाल की जनता को नहीं

जिस पश्चिम बंगाल ने शांति निकेतन के माध्यम से पूरे विश्व को शांति का सन्देश दिया था, आज वह बंगाल ममता सरकार में बम की आवाज से दहल रहा है।

ममता के राज में हिंसा और अराजकता के बीच पिसता बंगाल

पश्चिम बंगाल इन दिनों लगातार खबरों में बना हुआ है, लेकिन ये सुर्खियां नकारात्‍मक और अप्रिय कारणों के चलते हैं। लोकसभा चुनाव के कुछ महीनों पहले ही यहां अराजकता का माहौल बनना शुरू हो गया था जो चुनाव के बाद और गहरा गया है। पश्चिम बंगाल से लगातार हिंसा और अस्थिरता की खबरें आ रही हैं।

ममता के अलोकतांत्रिक शासन से त्रस्त बंगाल

ममता ताकत और तानाशाही के दम पर अपनी सत्ता को स्थायी करना चाहती हैं, मगर उन्हें समझना चाहिए कि ये लोकतंत्र है, जहां ताकत से नहीं, जनमत से निर्णय होते हैं और जनमत को अपने पक्ष में करने का केवल एक ही उपाय है कि संकीर्ण राजनीतिक हितों व स्वार्थों को छोड़ सकारात्मक सोच के साथ देश की प्रगति के लिए कार्य किया जाए।