भारत बन रहा है दुनिया का फार्मेसी हब
भारत अब औषधियों के उत्पादन के क्षेत्र में विश्व में प्रमुख भूमिका निभा रहा है और इस क्षेत्र में विश्व का लीडर बनने की राह पर चल पड़ा है।
दवा उद्योग के क्षेत्र में विकसित देश भी अब भारत पर निर्भर
विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी एवं भारतीय जनता का अभी हाल ही में आभार प्रकट किया है क्योंकि भारत ने अमेरिका को कोरोना वायरस को नियन्त्रित करने हेतु हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन नामक दवा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराई हैं। यह दवा ब्राज़ील एवं श्रीलंका के साथ ही विश्व के कई अन्य देशों को भी उपलब्ध कराये जाने पर इन देशों के राष्ट्रपतियों ने भी भारत का आभार जताया है।
दवाओं और मेडिकल उपकरणों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने की कवायद
भले ही भारतीय डॉक्टरों का दुनिया भर में डंका बज रहा हो लेकिन बल्क दवाएं और मेडिकल उपकरण दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत की आयात पर निर्भरता बहुत अधिक है। गौरतलब है कि भारत बल्क दवाओं की अपनी जरूरतों का 70 प्रतिशत आयात करता है जिसमें सबसे ज्यादा आयात चीन से होता है।
महंगाई काबू करने में कामयाब रही मोदी सरकार
महंगाई पर भारत बंद का आयोजन करने वाले यह नहीं देख रहे हैं सैकड़ों जीवनोपयोगी वस्तुओं-सेवाओं की कीमतों भारी कमी दर्ज की गई है। जो दालें सौ से डेढ़ सौ रूपये किलो बिक रही थीं वे आज साठ से सत्तर रूपये किलो में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। चीनी 45 रूपये किलो से घटकर 30 से 32 रूपये प्रति किलो तक आ गई है। जो एलईडी बल्ब साढ़े तीन सौ रूपये का मिल रहा