अब तो सुधर जाएं केजरीवाल, वर्ना मतदाता तो क्या इतिहास भी उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा !
आम आदमी पार्टी में इन दिनों सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। बाहरी और आंतरिक दोनों मोर्चों पर पार्टी विषम हालातों से जूझ रही है। बाहरी मोर्चं पर जहां एक के बाद एक आए चुनाव परिणामों ने पार्टी के जनाधार को डगमगा दिया, वहीं भीतरी तौर पर भी उपजे विरोधों का सामना करना पड़ रहा है। अधिक समय नहीं बीता था कि कुमार विश्वास ने एक वीडियो जारी करके और विभिन्न मंचों पर कविताओं, बयानों के ज़रिये
क्या 67 सीटें सौरभ भारद्वाज के तरीके से ईवीएम हैक करके ही मिली हैं, केजरीवाल जी ?
दिल्ली विधानसभा में दो करोड़ रूपए लिए जाने के आरोप का जवाब देने की बजाय अरविन्द केजरीवाल और उनके समर्थकों ने आज ई.वी.एम. का डेमो प्रस्तुत किया। इस तथाकथित डेमो में यह प्रदर्शित करने की पुरजोर कोशिश की गई कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने पिछले चुनावों में मतदान के दौरान ई.वी.एम. में कोड डालकर मतगणना परिणाम प्रभावित कर लिए हैं और इसी कारण अन्य दलों की हार हुई है।
ईवीएम के बहाने कपिल मिश्रा के आरोपों से ध्यान भटकाने में लगे केजरीवाल
क्या दिल्ली विधानसभा में हुए ई वी एम के बचकाने और फर्जी तमाशे से अरविंद केजरीवाल कपिल मिश्रा की लगाई कालिख अपने चेहरे से साफ कर लेंगे? कतई नहीं। उन पर दो करोड़ रुपये की घूस लेने के आरोप उनके अपने साथी रहे कपिल मिश्रा लगा रहे हैं। केजरीवाल के चंपू मंत्री और साथी, जिनमें मनीष सिसोदिया और संजय सिंह शामिल हैं, कह रहे हैं कि कपिल मिश्रा के आरोपों पर जवाब देना भी समय बर्बाद करना है।