कांग्रेस सरकारों की गलत नीतियों के कारण अंधेरे में डूबे गांवों को रोशन करने में जुटी मोदी सरकार
आजादी के बाद बिजलीघर भले ही गांवों में लगे हों लेकिन इन बिजलीघरों की चारदीवारी के आगे अंधेरा ही छाया रहा है। दूसरी ओर यहां से निकलने वाले खंभों व तारों के जाल से शहरों का अंधेरा दूर हुआ। आजादी के समय देश में केवल 1,362 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था, लेकिन बीते 70 वर्षों के दौरान यह आंकड़ा 3,29,205 मेगावाट के स्तर पर पहुंच गया है। इसे शानदार नहीं, तो संतोषजनक उपलब्धि जरूर कहेंगे
ग्रामीण विकास को गति दे रही दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
ग्रामीण भारत के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरूआत की। सरकार की अन्य योजनाओं की तरह की इसका लाभ आम जनता को मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने इसे मजबूत बनाने के लिए प्रमुख भाग में अलग-अलग फीडर की व्यवस्था कर बिजली के वितरण नेटर्वक को मजबूत किया है। इसके साथ ही सभी घरों में बिजली की सप्लाई