नारद जयंती विशेष : प्रारंभ से पत्रकारिता के अधिष्ठात्रा हैं देवर्षि नारद
पत्रकारिता क्षेत्र के भारतीय मानस ने तो देवर्षि नारद को सहज स्वीकार कर ही लिया है। जिन्हें देवर्षि नारद के नाम से चिढ़ होती है, उनकी मानसिक अवस्था के बारे में सहज कल्पना की जा सकती है। उनका आचरण देखकर तो यही प्रतीत होता है कि भारतीय ज्ञान-परंपरा में उनकी आस्था नहीं है। अब तो प्रत्येक वर्ष देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर देशभर में अनेक जगह महत्वपूर्ण आयोजन होते हैं। नारदीय पत्रकारिता का स्मरण किया जाता है।