महारानी लक्ष्मीबाई : सोए हुए पौरुष और स्वाभिमान को जागृत-झंकृत करने वाली वीरांगना
जनरल ह्यूरोज का यह कथन महारानी लक्ष्मीबाई के साहस एवं पराक्रम का परिचय देता है, ”अगर भारत की एक फीसदी महिलाएँ इस लड़की की तरह आज़ादी की दीवानी हो गईं तो हम सब को यह देश छोड़कर भागना पड़ेगा।”
रानी लक्ष्मीबाई : किरदार ऐसा कि दुश्मन भी तारीफ करने को मजबूर हो गए
रानी लक्ष्मीबाई के साहस और पराक्रम का अंदाजा जनरल ह्यूरोज के इस कथन से लगाया जा सकता है कि अगर भारत की एक फीसदी महिलाएं इस लड़की की तरह आज़ादी की दीवानी हो गईं तो हमें यह देश छोड़कर भागना पड़ेगा।
‘स्त्री न पहले कभी अबला रही और न अब है’
संसार की आधी आबादी महिलाओं की है। अतः विश्व की सुख-शांति और समृद्धि में उनकी भूमिका भी विशेष रुप से रेखांकनीय है। भारतीय-चिन्तन-परम्परा में यह तथ्य प्रारंभ से ही स्वीकार किया जाता रहा है। इसलिए भारतीय-संस्कृति में नारी सर्वत्र शक्ति-स्वरुपा है; देवी रुप में प्रतिष्ठित है।