‘बिहार में का बा’ बनाम ‘बिहार में ई बा’ की पड़ताल
बिहार चुनाव में एक तरफ जहां नीतीश कुमार की विकास पुरुष वाली छवि है, वहीं दूसरी तरफ लालू राज को जनता आज भी भूलने को तैयार नहीं है।
बिहार : लालू के जंगलराज से नीतीश के सुशासन तक
बिहार अपनी बौद्धिक-साहित्यिक-सांस्कृतिक सक्रियता एवं सजगता के लिए जाना जाता रहा है। परंतु लालू का शासन वह दौर था, जब जातीय घृणा की फसल को भरपूर बोया गया।