घोषणापत्र : भाजपा के वादे हैं व्यावहारिक, कांग्रेस के वादे यथार्थ के धरातल से दूर
चुनावी घोषणापत्र महज वादों का पिटारा नहीं होना चाहिये। इसमें देश के विकास की वैसी तस्वीर पेश की जानी चाहिये, जिसे मूर्त रूप दिया जा सके। बहरहाल, चुनावी रणभूमि में देश की दोनों प्रमुख पार्टियां, भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने घोषणा पत्र को पेश कर दिया है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र का नाम दिया है, जबकि कांग्रेस ने ‘हम निभाएंगे’ लिखा है।
भारत के लिए व्यावहारिक और कारगर नहीं है न्यूनतम आय गारंटी योजना
दुनिया में ऐसी योजना की सफलता की बात कुछ अर्थशास्त्री कर रहे हैं, लेकिन ऐसे प्रयोग कुछ सीमित लोगों या छोटे देशों पर किये गये हैं, जिसके आधार पर भारत जैसे बड़े और विविधता से परिपूर्ण एवं बड़ी आबादी वाले देश में इसे सफलता पूर्वक लागू नहीं कराया जा सकता है। भारत में न्यूनतम आय गारंटी योजना को लागू करने के लिये 36 खरब रूपये की दरकार होगी
इंदिरा से राहुल तक कांग्रेस कितनी बार गरीबी मिटाएगी?
राहुल गांधी की सालाना बहत्तर हजार रुपये की योजना से इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बयान ताजा हुए हैं। करीब आधी शताब्दी पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी ने देश की व्यवस्था का उल्लेख किया था। उनका कहना था कि केंद्र से सौ पैसे भेजे जाते हैं, उसमें से केवल पन्द्रह पैसे ही जमीन तक पहुंचते हैं