मोदी सरकार ने किया पद्म सम्मानों का लोकतांत्रिकरण
पद्म सम्मान तो बीते साढ़े छः दशकों से दिए जा रहे हैं, लेकिन जनसामान्य के बीच से अचर्चित नायक-नायिकाओं को इस तरह सम्मानित करने का काम इतने व्यापक रूप से पहले नहीं हुआ।
प्रक्रिया में बदलाव से सुपात्र नागरिकों तक पहुँच रहे पद्म सम्मान
वर्ष 2014 के बाद से बीते तीन-चार वर्षों में पद्म सम्मानों के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व और सकारात्मक परिवर्तन नजर आया है। इस दौरान ऐसे नामों की घोषणा देखने को मिली है, जो बिना किसी संपत्ति या सम्मान की लालसा के लम्बे समय से अपने-अपने क्षेत्र में उत्तम कार्य कर रहे।