हलमा : जल संरक्षण के लिए भीलों की अनूठी परंपरा
सन 2005 में हलमा परंपरा को एक ग़ैर सरकारी संगठन ‘शिवगंगा’ ने शुरू किया। महेश शर्मा और हर्ष चौहान की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका थी।
मोदी सरकार ने किया पद्म सम्मानों का लोकतांत्रिकरण
पद्म सम्मान तो बीते साढ़े छः दशकों से दिए जा रहे हैं, लेकिन जनसामान्य के बीच से अचर्चित नायक-नायिकाओं को इस तरह सम्मानित करने का काम इतने व्यापक रूप से पहले नहीं हुआ।
मोदी सरकार के प्रयासों से अभिजात्यता से मुक्त होकर असली नायकों तक पहुँच रहे पद्म सम्मान
पिछले सात साल में इस तरह के सैकड़ों उदाहरण मिल जाएंगे जहां ऐसे गुमनाम योद्धाओं को पद्म पुरस्कार दिए गए जिनका सत्ता पक्ष या किसी खास विचारधारा से कोई संबंध नहीं रहा है।
प्रक्रिया में बदलाव से सुपात्र नागरिकों तक पहुँच रहे पद्म सम्मान
वर्ष 2014 के बाद से बीते तीन-चार वर्षों में पद्म सम्मानों के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व और सकारात्मक परिवर्तन नजर आया है। इस दौरान ऐसे नामों की घोषणा देखने को मिली है, जो बिना किसी संपत्ति या सम्मान की लालसा के लम्बे समय से अपने-अपने क्षेत्र में उत्तम कार्य कर रहे।