ब्रिक्स सम्मेलन में भी बजा भारतीय विदेश नीति का डंका, अलग-थलग पड़ा पाक
इस बार गोवा में संपन्न दो दिवसीय 8 वां ब्रिक्स सम्मेलन काफी शानदार रहा। पीएम मोदी ने सम्मेलन के दौरान विश्व की बड़ी शक्तियों के समक्ष पाक प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा रखा। उन्होंने हमारे नापाक पड़ोसी देश की आतंकवादियों की डिलीवरी पर ब्रिक्स के सभी सदस्य देशों को रूबरू करवाया। सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति ब्लामिदीर पुतीन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैक्ब
ब्रिक्स के मंच से भी पाक को अलग-थलग करने की नीति को आगे बढ़ाएगा भारत
भारत के तटीय राज्य गोवा में आगामी 15 और 16 अक्टूबर को भारत की मेजबानी और अध्यक्षता में आठवीं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। ऐसे समय में, जब समूचा विश्व आतंकवाद, राजनीतिक संकट, सुरक्षा चिंता और आर्थिक मंदी जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, वैसे में ब्रिक्स जैसे वैश्विक संगठनो का महत्व अपने आप बढ़ जाता है। भारत इस शिखर सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा जोर-शोर
मोदी सरकार की विदेशनीति की बड़ी सफलता, दुनिया में बेनकाब हो रहा पाक का नापाक चेहरा
उरी आतंकी हमले के बाद केरल के कोझिकोड में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो महत्वपूर्ण बातें कहीं थीं। पहली कि उरी में शहीद हुए हमारे जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा और उनके भाषण की दूसरी महत्वपूर्ण बात यह थी कि हम आतंकवाद को पनाह देने वाले एकमात्र देश (पाकिस्तान) को दुनिया के पटल पर अलग-थलग कर देंगे। इस बयान को दिए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए और
भारत की सर्जिकत स्ट्राइक से सहमा पाकिस्तान
उड़ी हमला पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी साबित होगा यह किसी ने भी नहीं सोचा था। भारत को चोट पर चोट देने की पाकिस्तान की एक आदत सी बन गयी थी, जिसमें उसे पूरी तरह विश्वास था कि भारत की तरफ से कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी। पाकिस्तान पहले से ही कड़ी निंदा और सबूत वाले डोजियर को रद्दी की टोकरी में फेंकने का आदी रहा और भारत उसे बार-बार डोजियर सौंपने का। पाकिस्तान एक
यह सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक नहीं, मोदी का ‘मास्टर स्ट्रोक’ है!
पिछले एक सप्ताह से तकरीबन हरेक जगह भारत के पाकिस्तान पर किए सर्जिकल स्ट्राइक की ही चर्चा है। और, यह न समझिए कि अपने एसी चेंबर में बैठकर केवल एंटरटेनमेंट चैनल के स्वयंभू विद्वान ही इस पर मशविरा कर रहे हैं। गुवाहाटी से गुड़गांव और दार्जिलिंग से दरभंगा तक, इसके चर्चे गरम हैं। बाल काटनेवाले नाई से लेकर कपड़े प्रेस करनेवाले भाई तक, हरेक आदमी की इस मुद्दे पर राय है और फैसला है।
भारत के आगे रणनीतिक और कूटनीतिक दोनों ही मोर्चों पर धराशायी हुआ पाक
श्रीनगर के उड़ी में भारतीय सेना के कैम्प पर पाक-प्रेरित आतंकियों द्वारा किए गए हमले और उसमें दो दर्जन जवानों के शहीद होने के बाद से ही देश में भीषण आक्रोश का माहौल व्याप्त था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी हमले के बाद देश को आश्वस्त किया था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन, इस देश में पिछली सरकारों के दौरान ऐसे बयानों के क्रियान्वयन के रूप में ‘कड़ी निंदा’ से लेकर पाकिस्तान
आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान ने देखा छप्पन इंच की छाती का दम!
आतंकवाद को पनाह देने वाले देश पाकिस्तान और पाकिस्तान के आतंकवादियों को करारा जवाब देने के लिए मोदी सरकार ने आख़िरकार वह कदम भी उठा ही लिया, जिसकी नरम देश समझे जाने वाले भारत से शायद किसी को उम्मीद नहीं रही होगी। भारत ने पीओके में दो किलोमीटर अंदर तक घुसकर आतंकवादियों के सात लॉन्च
विश्व बिरादरी में पाक को अलग-थलग करने की दिशा में बढ़ती भारतीय विदेश नीति
अभी ज्यादा समय नहीं हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान के प्रति अपनी नीति को स्पष्ट करते हुए कहा था कि हमें बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार के हनन का प्रश्न दुनिया के पटल पर अवश्य उठाना चाहिए। इसके बाद से ही बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन और भारत के सहयोग के प्रति धन्यवाद की खबरें आने लगीं थीं। पाकिस्तान अलग-थलग पड़ने लगा था। दुनिया
भारतीय विदेश नीति से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब होता पाकिस्तान
उड़ी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही गरमा-गरमी के दरम्यान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संयुक्त राष्ट्र में होने वाले भाषण पर सबकी नजर थी। नवाज शरीफ इस बार के सम्मेलन को भारत के खिलाफ काफी कुछ हासिल करने वाला मान कर चल रहे थे, लेकिन नवाज का आतंकवादी बुरहान वानी को कश्मीरी युवा नेता करार देना उड़ी हमले पर संवेदना प्रकट न करना, ज्यादातर समय गैर
उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान को हर स्तर पर पटखनी देने में जुटी मोदी सरकार!
उड़ी में पाक प्रायोजित आतंकी हमले में सेना २१ जवानों के शहीद होने के बाद से देश में आक्रोश का माहौल है। इसका बदला लेने और पाकिस्तान को सबक सिखाने जैसी बातें कही जा रही हैं। केंद्र की मोदी सरकार भी इस हमले से बेहद दुखी और पाकिस्तान के प्रति एकदम सख्त दिख रही है। हालांकि मोदी सरकार पाकिस्तान के प्रति सख्ती तो इस हमले से पहले ही दिखा रही थी, लेकिन अब वो सख्ती बहुत