युद्ध की बात करने वाले क्या युद्ध झेलने के लिए तैयार हैं ?
दिनकर के इन्हीं शब्दों में भारत की उन्नत्ति और सभी समस्याओं का समाधान है। आज भारत का बुद्धिजीवी वर्ग असमंजस में है, बहुत-सी भ्रामक धारणाएँ उन्हें दिगभ्रमित कर रही हैं! कायरतापूर्ण दर्शन और कुटिल हृदय-मस्तिष्क से देश का उद्धार नहीं होने को! आज मानवाधिकार, धर्मनिरपेक्षता, सर्वधर्म समभाव की बातें बेमानी है, कोरा वितंडावाद है! सच तो ये है कि देश में एक अच्छा-खासा वर्ग है जो शल्य
उड़ी हमले पर मोदी सरकार का सख्त रुख, दोषियों के खिलाफ उठाए जाएंगे कड़े कदम!
उड़ी में सैनिक छावनी पर हुए आतंकी हमले से पूरा देश शोकसंतप्त एवं सन्न है। पूरे देश की भावना, संवेदना, सहानुभूति और एकात्मता सैनिको और उनके परिवारो से जुड़ी हुई है, इसलिए इस हमले को पूरे देश पर हुए हमले के रूप में देखा जाना चाहिए। पिछले 30 वर्षो से पाकिस्तान इसी तरह का छद्म युद्ध लड़ता आ रहा है, जिसमें हमारी सेनाओ को केवल जवाबी कार्यवाही की अनुमति प्राप्त है। हमला कब और
अब होगा पाक पर भारत की बलूचिस्तान नीति का असली वार!
प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रियों द्वारा जबसे बलूचिस्तान में की जा रही हैवानियत को लेकर पाकिस्तान को आड़े हाथों लेने की शुरुआत की गई है, तबसे पाकिस्तान हर तरह से एकदम बैकफुट पर नज़र आ रहा है। इसके अलावा उसके द्वारा कब्जाए गए कश्मीर का मुद्दा भी भारत अब पूरे दमखम के साथ उठा रहा है, इस बात ने पाकिस्तान को अलग हलकान किया हुआ है। चीन, अमेरिका जैसे उसके वैश्विक साझीदार
नेहरु की गलती के कारण बलूचिस्तान पर हुआ था पाकिस्तान का कब्ज़ा!
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक तथा स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण मे बलूचिस्तान मे हो रहे मानवाधिकार के उल्लघंन की चर्चा की तो दुनिया भर से बलोच नागरिकों ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। इस घटना के बाद आल इंडिया रेडियो ने भी सांस्कृतिक आदान-प्रदान की दृष्टि से बलोच भाषा में जम्मू-काश्मीर से प्रसारण शुरू करने की घोषणा की। इस कदम को भी बलोचियों ने काफी सराहा, लेकिन भारत मे
मोदी विरोध से ग्रस्त विपक्ष को नहीं भा रही बलूचिस्तान नीति की कामयाबी!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के साथ ही….
चीनी आक्रामकता के जवाब में मोदी सरकार ने अपनाई एक्ट ईस्ट नीति!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलूचिस्तान मामले में पाकिस्तान को जैसी पटखनी दी, उसकी कल्पना उसने सपने में भी नहीं की होगी। अब प्रधानमंत्री उसी प्रकार की पटखनी चीन को देने में जुट गए हैं। गौरतलब है कि लंबे अरसे से चीन भारत को चारों ओर से घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है। इसके लिए वह भारत के पड़ोसी देशों को मोहरा बनाने से भी बाज नहीं आया। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण-पूर्व
मोदी सरकार की बड़ी सामरिक सफलता है लिमोआ समझौता, चीन-पाक हुए हलकान!
गत दिनों भारत और अमेरिका के बीच लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) यानी लिमोआ समझौता संपन्न हुआ। भारतीय रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर और अमेरिकी सुरक्षा सचिव एश्टन कार्टर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर कर सैद्धांतिक तौर पर इसे अंतिम रूप दिया। ज्ञात हो कि बीते जून में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका गए थे, तब उसने भारत को प्रमुख रक्षा सहयोगी का दर्जा दिया था। यह
पाकिस्तान हुआ हलकान, अब सिंध मांगे सिंधुस्थान!
भारत के एक दाँव ने पाकिस्तान को चित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गिलगित, बलूचिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर का मामला दुनिया के सामने लाकर न केवल पाकिस्तान को आईना दिखाया है, बल्कि पाकिस्तान के अत्याचार से पीडि़त जनमानस को साहस भी दिया है।
मोदी सरकार का आक्रामक रुख, पाकिस्तान हुआ पस्त और चीन भी हलकान!
मोदी सरकार पर सत्ता में आने के कुछ समय बाद से ही विपक्षियों द्वारा यह आरोप लगाया जाता रहा है कि इस सरकार की पाकिस्तान और चीन को लेकर कोई विदेशनीति नहीं है। हालाकि ज्यादातर ये आरोप लगाने वाली मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस शायद ये भूल जाती है कि जब वो खुद सत्ता में थी, तब देश ने पाक और चीन के प्रति उसकी भी विदेशनीति खूब देखी थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को फटकारा और सांप देश के सेकुलरों के सीने पर लोट रहा है!
विगत दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वदलीय बैठक और उसके बाद लाल किले के…