पितृ दिवस : पिता तो आज भी पहले जैसे ही हैं, पर पुत्र बदलते जा रहे!
‘पिता’ शब्द् संतान के लिए सुरक्षा-कवच है। पिता एक छत है, जिसके आश्रय में संतान विपत्ति के झंझावातों से स्वयं को सुरक्षित पाती है। पिता संतान के जन्म का कारण तो है ही, साथ ही उसके पालन-पोषण और संरक्षण का भी पर्याय है। पिता आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति की गारंटी है। पिता शिशु के लिए उल्लास है; किशोर और तरुण के लिए सर्वोत्तम प्रेरक एवं पथ-