एकनाथ रानडे : जो प्रत्येक व्यक्ति में भारतीयता के भाव को जागृत करना चाहते थे
एकनाथ जी रानडे कहते हैं कि – ”यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरे जीवन में न आता, तो मेरा जीवन दिशाहीन ऊर्जा का प्रवाह मात्र बनकर रह जाता।“
एकनाथ जी रानडे कहते हैं कि – ”यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरे जीवन में न आता, तो मेरा जीवन दिशाहीन ऊर्जा का प्रवाह मात्र बनकर रह जाता।“