‘इंटरनेट से केवल सूचनाएं मिल सकती हैं, ज्ञान पुस्तकों से मिलता है’
गूगल व इंटरनेट के दौर में डिजिटल तकनीक का बोलबाला भले ही हो, किंतु पुस्तकों की उपयोगिता आज भी कम नहीं हुई है। पुस्तकों के प्रति पाठकों का रूझान बरकरार है। गंभीर पाठकों की मौजूदगी लगातार बनी हुई है। समय के साथ पुस्तकों में रूचि और उनके खरीददारों की संख्या में अंतर आया है, किंतु पाठकों के उत्साह में नहीं। इसकी बानगी 28 अगस्त से 5 सितम्बर तक शिक्षा नगरी देहरादून में आयोजित नौ