सितवे बंदरगाह : देश को “चिकन नेक सिंड्रोम” से मुक्ति दिलाने में कामयाब रही मोदी सरकार
मोदी सरकार ने कोलकाता और सितवे (म्यांमार) बंदरगाहों के बीच जलमार्ग से आवाजाही शुरू कर देश को “चिकन नेक सिंड्रोम” से मुक्ति दिलाने की कारगर पहल की है।
इनोवेशन के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा भारत, वैश्विक रैंकिंग में फिर आई उछाल
जीआईआई रैंकिंग में 4 पायदान का सुधार करके भारत मध्य और दक्षिण एशिया में नवोन्मेष के मामले में पहले स्थान पर काबिज हो गया है।
बोडोलैंड विवाद के समाधान से असम में खुलेगी शांति, स्थिरता और विकास की नयी राह
मोदी सरकार का नारा रहा है – सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। इस मूलमंत्र पर आगे बढ़ते हुए, दशकों पुराने इस विवाद का अंत करते हुए सभी पक्षों ने एक साथ बैठाकर वार्ता की और समझौते की रूपरेखा तय होने के बाद इस विवाद का भी अंत हो गया। दरअसल सरकार की सख्ती के बाद अलग राज्य की मांग करने वालों को यह आभास
पूर्वोत्तर को देश के विकास से जोड़ने में कामयाब रहे प्रधानमंत्री मोदी
आजादी के बाद से ही सरकारों ने पूर्वोत्तर भारत के मन को समझने का प्रयास नहीं किया। इतना ही नहीं, इस संवेदनशील क्षेत्र में सरकारें अलगाववादी गुटों को बढ़ावा देकर राजनीतिक रोटी सेंकने से भी बाज नहीं आई। आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर को शेष भारत से एकाकार करने का ठोस जमीनी उपाय कर रहे हैं।
पूर्वोत्तर भारत : मोदी राज में ख़त्म हो रहा उग्रवाद, खुल रहे विकास के द्वार
गत सप्ताह केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पूर्वोत्तर भारत के मेघालय से पूर्णतः तथा अरुणाचल प्रदेश से आंशिक तौर पर अफस्पा हटाने का निर्णय लिया गया। मेघालय के ४० प्रतिशत इलाकों में ही यह क़ानून अब रह गया था, वहाँ से भी अब इसे हटा लिया गया है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश के १६ थाना क्षेत्रों में यह क़ानून लागू था, जिनमें से आठ थाना क्षेत्रों से इसे हटाने का निर्णय गृह मंत्रालय ने लिया है
पूर्वोत्तर को प्रगति की मुख्यधारा से जोड़ने में जुटी मोदी सरकार !
1947 में देश के बंटवारे ने कई ऐसे विभाजन पैदा किए जिन्होंने इस उपमहाद्वीप को पीछे धकेलने का काम किया। यदि पूर्वोत्तर की गरीबी, बेकारी, अलगाववाद, आतंकवाद की जड़ तलाशी जाए तो वह देश विभाजन में मिलेगी। 1947 तक पूर्वोत्तर का समूचा आर्थिक तंत्र चटगांव बंदरगाह से जुड़ा था लेकिन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के निर्माण से इस इलाके का कारोबारी ढांचा तहस-नहस हो गया। पूर्वोत्तर में जल