प्रयागराज

अविस्मरणीय और अभूतपूर्व रही मोदी की कुंभ यात्रा

प्रयागराज कुंभ में करीब बाईस करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल हुआ। इस बार कुंभ की तैयारियों में अनेक अद्भुत दृश्य देखने को मिले, मोदी की कुंभ तीर्थयात्रा अविस्मरणीय बन गई। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने यहां सफाईकर्मियों के पांव पखारे, पहली बार सफाईकर्मियों का सम्मेलन हुआ, जिसमें मोदी ने उनका सम्मान

प्रयागराज : कुम्भ से प्रवाहित हुई विकास की धारा

कुंभ का ऐतिहासिक महत्व विश्व प्रसिद्ध है। इस प्रकार का आयोजन अन्यत्र कहीं भी नहीं होता है। यह उचित है कि प्रत्येक सरकारें अपने स्तर पर इसके निर्बाध आयोजन का प्रयास करती रही हैं। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसे यहीं तक  सीमित नहीं रखा। उसने अपने को भावनात्मक रूप से भी कुम्भ से जोड़ा है। यह अंतर तैयारियों में भी दिखाई दिया।

कुम्भ केवल लोकरंजन का महोत्सव ही नहीं, लोक-कल्याण का साधन भी है

संगमनगरी प्रयागराज में मकर संक्रांति से आरम्भ हो चुके आस्था के लोक महोत्सव यानी कुम्भ मेले  को लेकर देश भर के श्रद्धालुओं के बीच उत्साह और उल्लास का वातावरण एकदम प्रत्यक्ष है। दरअसल इस कुम्भ मेले में सिर्फ देश से ही नहीं वरन विदेशों से भी भारी संख्या में सैलानी आते हैं।

‘अकबर ने दुर्भावना से प्रयागराज का नाम बदला था, योगी आदित्यनाथ ने इसे सुधारा है’

कुंभ का आयोजन ग्रह नक्षत्रों के संयोग से होता है। प्रयाग कुंभ के इतिहास में नया संयोग जुड़ा। वह यह कि इस समय उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश ही नहीं, विश्व में रहने वाले हिंदुओं की आस्था का ध्यान रखा। भारत में अनेक स्थानों के पुराने नाम बहाल करने के लिए आंदोलन या अभियान चलाने पड़े। बंबई को मुम्बई नाम दिलाने का अभियान