यूपी बजट : विकास का विजन और उपलब्धियों का तथ्यपरक उल्लेख
यूपी का बजट पेश किए जाने के अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में आज प्रस्तुत होने जा रहा ‘नए उत्तर प्रदेश’ का बजट राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा।
विकसित राष्ट्र की आधारशिला रखने वाला बजट
इस बजट में केंद्र सरकार ने भारत के आधारभूत ढांचे को विकसित अवस्था में ले जाने के उद्देश्य से एक क्रांतिकारी कदम उठाया है।
समावेशी विकास, युवा सशक्तिकरण और बुनियादी ढाँचे की मजबूती को साकार करने वाला बजट
बजट में बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए 10 लाख करोड़ का खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है। इस क्रम में रेलवे के मद में 2.40 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जायेंगे।
यह बजट गरीबों और मध्यमवर्ग के सपनों को पूरा करने वाला है!
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2024 में आसन्न लोक सभा चुनाव से पूर्व इस सरकार के कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश किया गया।
दहाई अंक की जीडीपी वृद्धि दर पाने की दिशा में अग्रसर भारतीय अर्थव्यवस्था
महामारी के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत ही जल्द न सिर्फ रिकवरी करने में कामयाब रही, बल्कि दहाई अंक के जीडीपी आंकड़ा को छूने की दिशा में अग्रसर हो गई है।
केंद्र सरकार के प्रयासों से मजबूत हो रहे भारतीय बैंक
सरकार के प्रयासों से बैंकों के एनपीए में कमी दृष्टिगोचर हो रही है। पिछले 6 वर्षों के दौरान सरकार ने लगातार बैंकों की हर तरह की समस्याओं के समाधान हेतु प्रयास किए हैं।
बजट प्रावधानों से बैंकिंग क्षेत्र को मिलेगी मजबूती
बजट प्रावधानों से बैंकों के ऋण वृद्धि दर में इजाफा होने और एनपीए के स्तर में कमी आने की संभावना है साथ ही साथ इससे आगामी महीनों में बैंकों के मुनाफे में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
जीएसटी संग्रह में लगातार वृद्धि के निहितार्थ
जीएसटी संग्रहण में सीजीएसटी का हिस्सा 23,978 करोड़ रुपए रहा, आईजीएसटी का हिस्सा 66,815 करोड़ रूपये और राज्यों का हिस्सा यानी एसजीएसटी 31,127 करोड़ रुपए रहा।
पहली तिमाही में जीडीपी में हुई रिकॉर्ड वृद्धि अर्थव्यवस्था की गतिशीलता को ही दर्शाती है
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी में 20.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। तिमाही आधार पर भी पिछले वर्ष की दिसंबर तिमाही से जीडीपी में लगातार वृद्धि होना विकास में तेजी आने का द्योतक है।
विकास का वाहक बनता एमएसएमई क्षेत्र
एमएसएमई क्षेत्र में लगभग 11 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। अगर एक परिवार की संख्या 4 मानें तो ये 11 करोड़ लोग 33 करोड़ अन्य लोगों का जीवनयापन कर रहे हैं।