सभी तबकों की जरूरतों का ध्यान रखने वाला बजट
देश की प्रथम पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने विगत 5 जुलाई को मोदी 2.0 कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट पेश किया जिसे नये कलेवर में लाल कपड़े में रखा गया तथा इसे बही खाता कहा गया। माननीय वित्त मंत्री ने जो बही खाता देश के समक्ष रखा उसमें समाज के सभी तबकों का किसी न किसी रूप में ध्यान रखा गया।
देश को न्यू इंडिया की दिशा में आगे ले जाने वाला बजट
यह बजट भारत को न्यू इंडिया की दिशा में आगे ले जाने वाला है। नरेंद्र मोदी जानते हैं कि किस प्रकार देश को विकसित बनाया जा सकता है। इसी संदर्भ में उन्होंने निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यह बजट गरीबों को सशक्त बनाने और युवाओं को बेहतर भविष्य देने वाला है।
बजट 2019 : गांवों की तस्वीर बदलने की कवायद
भारतीय राजनीति की विडंबना रही कि यहां आजादी के बाद से ही खेती-किसानी के नाम पर राजनीति हुई, लेकिन गांवों की दशा में अपेक्षित सुधार नहीं आया। सरकारों ने वोट तो ग्रामीण विकास के नाम पर मांगा लेकिन विकास किया शहरों का। इसका नतीजा यह निकला कि शहर और गांव के बीच खाई बढ़ती गई।
‘निर्मला सीतारमण ने बजट को भारतीय परम्पराओं से जोड़ने की एक कामयाब कोशिश की है’
निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट प्रस्तुत करने के साथ देश में वर्षों पुरानी एक परंपरा को भी तोड़ डाला। अंग्रेजों के समय से तत्कालीन वित्त मंत्री चमड़े के ब्रीफकेस में बजट दस्तावेज लेकर पहुंचते थे। मगर निर्मला सीतारमण लाल मखमली कपड़े में बजट दस्तावेजों को रख कर संसद पहुंचीं।
समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। वे पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने बजट पेश किया है। इसके पहले वर्ष 1970 में श्रीमती इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया था। लेकिन तब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री भी थीं, ऐसे में पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही मानी जाएंगी।
इस बजट ने आम आदमी का दिल तो जीता ही है, विपक्ष की राजनीति भी ध्वस्त कर दी है!
विपक्ष भले ही वर्तमान सरकार के इस आखिरी बजट को चुनावी बजट कहे और कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल के बजट भाषण को चुनावी भाषण की संज्ञा दे, लेकिन सच तो यह है कि इस आम बजट ने अपने नाम के अनुरूप देश के आम आदमी के दिल को जीत लिया है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘यह सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, सर्वोत्कर्ष को समर्पित एक ऐसा बजट है’ निस्संदेह ये बजट भारत के भविष्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के सपने जगाता है।