बजट

वैश्विक रेटिंग एजेंसियों के आईने में भी मजबूत नजर आ रही भारतीय अर्थव्यवस्था

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान पहले के 10.8  प्रतिशत से बढ़ाकर 13.7 प्रतिशत कर दिया है।

रोजगार के नए अवसर सृजित करने में सहायक होगा बजट-2021

बजट में पूंजीगत ख़र्चों में 34.46 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। इसका सीधा परिणाम देश में रोजगार के नए अवसरों के सृजित होने के रूप में देखने को मिलेगा।

आर्थिक गतिविधियों को गति देने वाला बजट

बजट में आधारभूत संरचना खास करके ग्रामीण आधारभूत संरचना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, बैंकिंग क्षेत्र, एमएसएमई क्षेत्र आदि को मजबूत बनाने पर विशेष ज़ोर दिया गया है।

विकास को और गति देने हेतु पूंजीगत खर्च बढ़ा रही है केंद्र सरकार

माह अप्रेल 2020 से नवम्बर 2020 को समाप्त अवधि में केंद्र सरकार का कुल व्यय  19,06,358 करोड़ रुपए रहा है जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 की इसी अवधि के दौरान यह 18,20,057 करोड़ रुपए रहा था।

वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से हो रहा सुधार

कोरोना के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुक़ाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।

योगी सरकार ने पेश किया प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट, युवाओं-गरीबों पर विशेष ध्यान

उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने समग्र विकास पर फोकस किया था। इसके अनुरूप उन्होंने माहौल का निर्माण किया, प्रशासनिक मशीनरी को इस दिशा में सक्रिय किया। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश को इन तीन वर्षों में रिकार्ड निवेश प्रस्ताव मिले, इतना ही नहीं निवेश पर शिलान्यास का भी रिकार्ड कायम हो गया। तीन एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य जारी

एनबीएफसी को मजबूत करने की कवायद

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अनुमान जताया है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की नकदी की समस्या जल्दी ही खत्म हो जायेगी, क्योंकि केंद्रीय बैंक, बैंकिंग प्रणाली में भारी मात्रा में पूंजी डाल रहा है। दास के अनुसार मामले में बैंकों के सकारात्मक रुख अपनाने से भी एनबीएफसी पर मंडरा रहा नकदी संकट का खतरा कम होने लगा है। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक शीर्ष 50 एनबीएफसी पर बारीक नजर रख रहा है, ताकि जरूरत पड़ने उन्हें मदद उपलब्ध कराई जा सके।

स्वर्णिम भविष्य के स्वप्न दिखाती नई शिक्षा नीति

बच्चे देश का भविष्य ही नहीं, नींव भी होते हैं और नींव जितनी मजबूत होगी, इमारत उतनी ही बुलंद होगी। इसी सोच के आधार पर नई शिक्षा नीति की रूप रेखा तैयार की गई है। अपनी इस नई शिक्षा नीति को लेकर मोदी सरकार एक बार फिर चर्चा में है। चूंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, तो जाहिर है इसके विरोध में भी स्वर उठना भी स्वाभाविक था और अपेक्षा के अनुरूप स्वर उठे भी।

बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती देने में जुटी मोदी सरकार

बैंकिंग क्षेत्र में सख्ती बरतने एवं विविध उपायों को अमल में लाने से फंसे कर्ज की वसूली में तेजी आई है। एनपीए की राशि में 1 लाख करोड़ रूपये की कमी आई है। बैंकों में विगत 4 सालों में 4 लाख करोड़ रूपये की वसूली हुई है, जिससे खस्ताहाल बैंकिंग क्षेत्र को काफी राहत मिली है।

किसानों की तकदीर बदलने वाला है ये बजट

किसानों की समस्या को दूर करने एवं कृषि से जुड़ी परेशानियों को कम करने के लियेकेंद्रीय बजट 2019-20 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बनाने की घोषणा की गई है,जिसके तहत छोटे और सीमांत किसानों को एक सुनिश्चित आय सहायता के रूप में दी जायेगी।