भाजपा के प्रति ममता का ये अंधविरोध खुद उन्हें ही नुकसान पहुंचाएगा !
2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भाजपा के प्रति विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। विशेष रूप से गत वर्ष हुई नवम्बर में हुई नोटबंदी के बाद से तो उनका भाजपा विरोध घृणा के स्तर तक पहुँचता नज़र आ रहा है। भाजपा के प्रति वे अपने विरोध को जिस-तिस प्रकार से जाहिर करती रहती हैं। अब उन्होंने घोषणा की है कि आगामी 9 अगस्त से वे ‘बीजेपी भारत छोड़ो’ नामक
ममता के संकीर्ण राजनीतिक हितों में फँसकर दंगों का प्रदेश बनने की ओर बढ़ता बंगाल !
बंगाल इन दिनों दो तरफा समस्याओं से घिरा हुआ है। एक तरफ गोरखा आन्दोलन में दार्जीलिंग डूबा हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर उत्तरी परगना जिले के बादुरिया और बाशीरहाट सांप्रदायिक तनाव से जूझ रहे हैं। इन सबमें सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में है ममता सरकार, जो इन उत्पातों को रोककर शांति कायम करने में विफल नज़र आ रही है। बंगाल में पहली बार ऐसा तनाव देखने को नही मिल रहा, बल्कि हाल के वर्षों में बंगाल में
ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हिंसा की आग में जलता बंगाल
पश्चिम बंगाल में एकबार फिर सांप्रदायिक हिंसा की आग भड़क उठी है। सूबे के उत्तरी परगना जिले के बसिरहाट के बादुरिया में एक युवक द्वारा फेसबुक पर की गयी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर राज्य के कई हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा ने जन्म ले लिया। साफ़ शब्दों में मामले को समझें तो ख़बरों के अनुसार, सौरव सरकार नाम के एक बारहवीं में पढ़ने वाले लड़के ने बीती दो जुलाई को अपनी फेसबुक वाल पर