बिजली

बिजली केंद्रित अर्थव्यवस्था बनाने में जुटी मोदी सरकार

अब मोदी सरकार देश की समूची अर्थव्यवस्था को बिजली केंद्रित बनाने बनाने में जुटी है। उम्मीद है कि सरकार इस लक्ष्य को भी अवश्य प्राप्त कर लेगी।

देश को लालटेन युग से बाहर निकालने में कामयाब रही मोदी सरकार

बिजली की खपत और आर्थिक विकास में सीधा संबंध पाया जाता है। जिन राज्यों में बिजली की खपत ज्‍यादा है वहां गरीबी आखिरी सांसे गिन रही है।

बुनियादी ढांचे के एकीकृत विकास से अर्थव्यवस्था को गति देने में जुटी मोदी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुनियादी ढांचे को मजबूत करके आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने और रोजगार पैदा करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्य-संस्कृति से मुक्त हुआ देश

आजादी के बाद से ही गरीबी मिटाने और सभी तक बिजली पहुंचाने के लिए ढेरों योजनाएं चलीं लेकिन लक्ष्‍य पूरा नहीं हुआ। हां, इन योजनाओं के भ्रष्‍टाचार से अफसरों-नेताओं-ठेकेदारों की कोठियां जरूर गुलजार हो गईं।

गरीबी की जड़ पर चोट करने में कामयाब रही मोदी सरकार

2014 में प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी गरीबी निवारण योजनाओं के साथ-साथ गरीबी पैदा करने वाले कारणों को दूर करने में जी जान से जुट गए। प्रधानमंत्री ने उन व्‍यवस्‍थागत खामियों का दूर किया जिनके चलते योजनाएं अपने लक्ष्‍य को हासिल नहीं कर पाती थीं।

ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति लाने में कामयाब मोदी सरकार

हाल ही में अन्तर्राष्ट्रीय ऊर्जा संस्थान ने एक समीक्षा प्रतिवेदन जारी किया है जिसमें बताया गया है कि भारत में  95 प्रतिशत लोगों के घरों में बिजली मुहैया कराई जा चुकी है और 98 प्रतिशत परिवारों की, खाना पकाने के लिए, स्वच्छ ईंधन तक पहुँच बन गई है। साथ ही, उक्त समीक्षा प्रतिवेदन में यह भी बताया गया है कि ऊर्जा के क्षेत्र में निजी निवेश की मात्रा भी बढ़ी है, जिससे भारत में ऊर्जा के क्षेत्र की दक्षता में सुधार हुआ है। उसकी वजह से ऊर्जा की क़ीमतों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है एवं ऊर्जा की क़ीमतें सस्ती हुई

वन नेशन-वन ग्रिड से आएगी बिजली क्रांति

मोदी सरकार अब देश के समूचे परिवहन तंत्र को पेट्रोल-डीजल के बजाए बिजली आधारित करने की महत्‍वाकांक्षी योजना पर काम कर रही हैं ताकि पेट्रोलियम पदार्थों के आयात में कमी लाई जा सके। सरकार ने 2020-21 तक रेलवे के समूचे ब्रॉडगेज नेटवर्क के विद्युतीकरण का लक्ष्‍य रखा है।

बिजली क्रांति: मोदी राज में हुई लालटेन युग की विदाई

एक बड़ी विडंबना यह है कि पूरा विपक्ष एक होकर जितना जोर नरेंद्र मोदी को हराने में लगा रहा है, उसका दसवां हिस्‍सा भी भाजपा को हराने में नहीं। आखिर मोदी के नाम पर विपक्ष को चिढ़ क्‍यों है इसे पिछले पांच वर्षों में नरेद्र मोदी के प्रयासों से देश में हुई अनेक विकासात्मक क्रांतियों में से एक बिजली क्रांति से समझा जा सकता है।

बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में अव्वल मोदी सरकार

बिजली, स्वच्छता और सड़क ये बेहद जरूरी बुनियादी सुविधायें हैं और मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में इन मोर्चों पर उल्लेखनीय कार्य किया है, जिसे खारिज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि मोदी सरकार द्वारा किये गये कार्य आंकड़ों के आईने में साफ-साफ नज़र आ रहे हैं।

परिवहन के क्षेत्र में एक नयी बिजली क्रांति लाने में जुटी मोदी सरकार

बिजली से चलने वाले वाहन अर्थव्‍यवस्‍था के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी मुफीद साबित होंगे। इसी प्रकार इलेक्‍ट्रिक वाहन पेरिस जलवायु समझौते की शर्तों के अनुपालन में भी मददगार बनेंगे। इतना ही नहीं इलेक्‍ट्रिक वाहनों के साथ आने वाली स्‍वचालन तकनीक से सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।