बिजली की बचत से बिजली क्रांति लाने की दिशा में बढ़ रही मोदी सरकार !
आजादी के बाद अन्य क्षेत्रों की भांति बिजली क्षेत्र का विकास भी विसंगतिपूर्ण रहा। गुणवत्तापूर्ण विद्युत् आपूर्ति हो या प्रति व्यक्ति खपत हर मामले में जमकर कागजी खानापूर्ति की गई। सबसे ज्यादा भेदभाव तो गांवों के साथ किया गया। बिजलीघर भले ही गांवों में लगे हों, लेकिन इनकी चारदीवारी के आगे अंधेरा ही छाया रहा। दूसरी ओर यहां से निकलने वाले खंभों व तारों के जाल से शहरों का अंधेरा दूर हुआ। इसी तरह उस गांव