बैंकिंग

तेजी से आगे बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था

जीडीपी अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को मापने का सबसे सशक्त पैमाना है। यह एक निश्चित समय में सभी उत्पादों और सेवाओं के मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है।

वित्तीय समावेशन से भारत में गरीब वर्ग का हो रहा कायाकल्प

आज वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में, दुनिया के कई देश, भारत को मिसाल के तौर पर देखने लगे हैं कि किस प्रकार 140 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश ने…

डिजिटल इंडिया के माध्यम से क्रांतिकारी परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है भारत

डिजिटल इंडिया के माध्यम से किसानों को अपनी फसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने हेतु भी सक्षम बनाया जा रहा है।

सुधार की राह पर आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था में सुधार आने की वजह से लाखों की संख्या में नये खुदरा निवेशक हाल ही में शेयर बाजार से जुड़े हैं। बीएसई  शेयर सूचकांक 60,000 अंकों के स्तर को पार कर चुका है

मौद्रिक समीक्षा : वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद आगे बढ़ती रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखना रिजर्व द्वारा उठाया गया समीचीन कदम है। मौजूदा समय में बैंकिंग प्रणाली में ऋण देने के लिए पर्याप्त नकदी है।

येस बैंक प्रकरण से घबड़ाने की जरूरत नहीं, बहुत मज़बूत है भारतीय बैंकिंग उद्योग

भारतीय बैंकिंग उद्योग आज बहुत ही मज़बूत स्थिति में है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू पूँजी पर्याप्तता सम्बंधी बाज़ल कमेटी के नियमों को भारतीय बैंकों में लागू किया जा चुका है एवं आज भारत में कई सरकारी क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र के बैंकों का पूँजी पर्याप्तता अनुपात बेंचमार्क से कहीं अधिक है। अतः यह पूरी उम्मीद की जानी चाहिए कि येस बैंक में आए

बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती देने में जुटी मोदी सरकार

बैंकिंग क्षेत्र में सख्ती बरतने एवं विविध उपायों को अमल में लाने से फंसे कर्ज की वसूली में तेजी आई है। एनपीए की राशि में 1 लाख करोड़ रूपये की कमी आई है। बैंकों में विगत 4 सालों में 4 लाख करोड़ रूपये की वसूली हुई है, जिससे खस्ताहाल बैंकिंग क्षेत्र को काफी राहत मिली है।