सभी तबकों की जरूरतों का ध्यान रखने वाला बजट
देश की प्रथम पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने विगत 5 जुलाई को मोदी 2.0 कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट पेश किया जिसे नये कलेवर में लाल कपड़े में रखा गया तथा इसे बही खाता कहा गया। माननीय वित्त मंत्री ने जो बही खाता देश के समक्ष रखा उसमें समाज के सभी तबकों का किसी न किसी रूप में ध्यान रखा गया।
आईएमएफ ने माना कि आगे भी चीन से तेज रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ़्तार!
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपने हालिया वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक में लिखा है कि वित्त वर्ष 2019 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2020 में 7.4 प्रतिशत रहेगा, जबकि आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2019 के लिये चीन के जीडीपी के 6.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ने की बात कही है। वित्त वर्ष 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7
आईएमएफ ने माना कि मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था दौड़ने लगी है!
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हाल ही में मोदी सरकार द्वारा आर्थिक मोर्चे पर किये गये सुधारों की सराहना की है। इसके अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। आईएमएफ ने कहा कि आर्थिक सुधारों का फायदा अब दृष्टिगोचर होने लगा है। सालगादो, जो आईएमएफ में भारतीय मिशन के प्रमुख हैं, ने 26 खरब
जीडीपी में निरंतर वृद्धि दिखाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था रफ़्तार पकड़ रही है !
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के ताजा आंकड़े अर्थव्यवस्था को लेकर आश्वस्त करते हैं। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर से दिसंबर, 17 की तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर बढ़ कर 7.2 प्रतिशत पहुंच गई, जो वित्त वर्ष, 17 की दूसरी तिमाही में 6.5% थी। यह वृद्धि पिछली 5 तिमाहियों में सबसे अधिक है। यही नहीं, ताजा आंकड़ों के साथ भारत ने जीडीपी की वृद्धि दर के मामले में चीन को भी पीछे
विगत तीन वर्षों से सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है भारत
भारत पिछले तीन सालों से सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है। मुद्रास्फीति वर्ष 2014 से लगातार नीचे आ रही है और चालू वित्त वर्ष में भी यह चार प्रतिशत से ऊपर नहीं जायेगी। इस वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा दो प्रतिशत से कम होगा और विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है। वर्ष 2010 के बाद पहली बार इस साल सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त राजस्व के 72,500