मजदूरों के कष्टों को निकट से समझते थे दत्तोपंत ठेंगड़ी
भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी आंदोलन के अग्रदूत पूज्य दत्तोपंत ठेंगड़ी का नाम जेहन में आते ही एक महान सेनानी, राष्ट्रवादी संगठनों के जनक, विचारक तथा आचरण एवं संस्कारयुक्त जीवन जीने वाले एक सन्यासी की छवि उभरकर सामने आती है। उनका व्यक्तित्व अत्यंत ही सहज था, उन्होने गांव-गरीब और मजदूर वर्ग के अंतर्मन में सम्मान के साथ जीने की लालसा उत्पन्न की।
मानव-कल्याण और राष्ट्र उत्थान के लक्ष्य को समर्पित व्यक्तित्व थे दत्तोपंत ठेंगड़ी
भारत वर्ष में महापुरुषों के अवतरण की एक पौराणिक परंपरा रही है। हर युग में माँ भारती का गोद महापुरुषों की दिव्य कीर्ति से आलोकित होता रहा है। और इन महापुरुषों ने अपने तपश्चर्य और साधना की परंपरा में एक ही ध्येय को शामिल किया, वो था माँ भारती को परम वैभव तक पहुंचाने का लक्ष्य।