‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगाँठ पर भी अपनी नकारात्मक राजनीति से बाज नहीं आया विपक्ष !
भारत छोड़ो आंदोलन की पचहत्तरवीं वर्षगांठ देश के लिए अहम है। इस दिन राष्ट्र-हित के विषयों का चयन होना चाहिए था और उनके प्रति संकल्प का भाव व्यक्त होना चाहिए था जिससे खास तौर पर युवा पीढ़ी उन राष्ट्रीय मूल्यों को समझ सके जिनकी स्थापना हमारे स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानियों ने की थी। लोकसभा और राज्यसभा ने इस संबंध में अलग-अलग संकल्प पारित किए। मगर उसके पहले विपक्षी नेताओं ने