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भारत-इजरायल की इस जुगलबंदी से भारतीय विदेशनीति को मिलेगा नया आयाम

इजरायल में जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया गया, वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत के बढ़ते वर्चस्व को दिखाता है, क्योंकि इजरायल के प्रधानमंत्री ने हिंदी में बोलकर उनका अभिवादन किया साथ ही वह अपने कैबिनेट के 11 मंत्रियो और सारे उच्च अधिकारियो को लेकर उनके स्वागत के लिए खड़े थे। अमेरिकी राष्ट्रपति के बाद मोदी पहले ऐसे राजनेता हैं, जिनका स्वागत करने के

भारत को मिल रही थी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की सदस्यता, नेहरू ने चीन की झोली में डाल दिया !

भारत-चीन के बीच आजकल सीमा विवाद बेहद गंभीर रूप ले चुका है। स्थिति युद्ध वाली बन रही है। चीन का रुख बेहद आक्रामक है। यह वही चीन है, जिसे भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनवाने में अहम रोल अदा किया था पंडित जवाहर लाल नेहरु के सौजन्य से। उनका चीन प्रेम जगजाहिर था।

अमेरिका द्वारा सलाहुद्दीन को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने से हलकान हुआ पाक

सलाहुद्दीन कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंकवाद का चेहरा है और हिजबुल मुजाहिदीन घाटी में सक्रिय सबसे पुराना आतंकी संगठन है। आतंकी फंडिंग को लेकर पहले ही पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की जांच का सामना कर रहा है। जाहिर है, ऐसे में अब सलाहुद्दीन के मुद्दे पर पाकिस्तान की असहजता व बेचैनी प्रकट हो रही है। वो सलाहुद्दीन के बचाव में दलीलें दे

चीन भूल रहा है कि ये 1962 के भारत की सेना और सरकार नहीं है !

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर खिटपिट कोई नयी बात नहीं है, मगर इसबार चीन ने सिक्किम में जो किया है, उसे मामूली नहीं कह सकते। पहले चीन ने सीमा पर मौजूद भारतीय सेना के बंकरों को क्षति पहुंचाई, फिर अब उलटे भारत से वहाँ सेना को हटाने की मांग कर रहा है। चीन का कहना है कि भारत जबतक सीमा पर से अपनी सेना को वापस नहीं बुला लेता तबतक सीमा विवाद को लेकर आगे कोई बात नहीं

मोदी और ट्रंप की मुलाकात के बाद अब आतंकवाद पर होगा और जोरदार प्रहार

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात पर दुनिया की निगाहें थीं। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के इन राष्ट्राध्यक्षों की इस पहली मुलाकात से काफी कुछ बेहतर निकलने की उम्मीद की जा रही थी। ये मुलाकात विशेष रही भी। मोदी से अपनी वार्ता से पहले ट्रंप ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, ऐसे महान प्रधानमंत्री का स्वागत करना

एससीओ की सदस्यता से पाकिस्तान को घेरने के लिए भारत को मिला एक और मंच

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ के सदस्य देशों के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। अपने संबोधन में उन्‍होंने भारत को सदस्य चुनने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आंतकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है और इससे हमे मिलकर निपटना होगा। उन्‍होंने थ भी कहा कि आतंकवाद मानव अधिकारों और मानव मूल्यों के सबसे बड़े उल्लंघनकारियों में से एक है। जब तक आतंकियों

एससीओ की सदस्यता से भारत की कूटनीति को मिलेगी और मजबूती

बेल्ट एंड रोड फोरम का बहिष्कार करने के बाद शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत का शामिल होना कूटनीतिक एवं कारोबारी दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर इस संगठन का सामरिक व कारोबारी महत्व है। इस संगठन का उद्देश्य चरमपंथी ताकतों को नेस्तनाबूत करने के साथ-साथ सदस्य देशों के बीच कारोबारी रिश्ते मजबूत करना है। भारत मौजूदा समय में मुख्य तौर पर आतंकवाद और पूँजी

मोदी के रूस दौरे से पाक के रूस से नजदीकी बढ़ाने की कूटनीति को जोरदार धक्का लगा है !

देखा जाये तो आज विदेश नीति के मायने बदल गये हैं। पहले विदेश नीति के तहत सामरिक मामलों को तरजीह दी जाती थी, लेकिन अब इसके अंतर्गत आर्थिक मसलों को केंद्र में रखा जाता है। आज की तारीख में छोटे देश भी परमाणु हथियार से लैस हैं। ऐसे में कोई भी देश किसी दूसरे देश पर हमला करने की हिमाकत नहीं कर सकता है।

दक्षिण एशिया उपग्रह जीसैट-9 से अंतरिक्ष कूटनीति की ओर भारत ने बढ़ाए कदम

भारत ने पड़ोसी मुल्कों को एक नायाब तोहफा देते हुए दक्षिण एशिया संचार उपग्रह का प्रक्षेपण किया। भारत के इस कदम को दोस्ती के तोहफे के रूप में देखा जा रहा है। इससे समझौते के नये आयाम खुलेंगे। ये उपग्रह कई मायनों में खास है, क्योंकि ये दक्षिणी देशों से ना सिर्फ संचार के लिए फायदेमंद साबित होगा बल्कि प्राकृतिक आपदा जैसी सूचनाएं देने में भी सहायक होगा।

आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के भारत दौरे से नये क्षितिज की ओर भारत-आस्ट्रेलिया सम्बन्ध

पिछले दिनों आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल की भारत यात्रा दोनों देशों के संबंधों को नयी सुगंधियों से भर दिया। दोनों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, सीमा पार संगठित अपराध से निपटने में सहयोग, विमानन सुरक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और औषधि इत्यादि क्षेत्रों में एकदूसरे का सहयोग करने की प्रतिबद्धता व्यक्त कर द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम देने के साथ आपसी कारोबार एवं भू-सामरिक साझेदारी की नींव रख दी