विविधतापूर्ण भारतीय संस्कृति का सफल वाहक है हमारा लोक-साहित्य
किसी संस्कृति विशेष के उत्थान-पतन विषयक उतार-चढ़ावों का जितना सफल अंकन लोक-साहित्य में रहता है, उतना अन्यत्र नहीं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किसी भी संस्कृति की धूल उसकी आत्मा से जुड़ी होती है। अब अगर देश की बात की जाए तो भारतीय संस्कृति जितनी अधिक प्राचीन है, उतनी ही अधिक विभिन्न संस्कृतियों के सम्मिलित स्वरूप की वाहक भी। समय-समय पर विभिन्न संस्कृतियों ने इस
मोदी सरकार की विदेशनीति की बड़ी सफलता, दुनिया में बेनकाब हो रहा पाक का नापाक चेहरा
उरी आतंकी हमले के बाद केरल के कोझिकोड में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो महत्वपूर्ण बातें कहीं थीं। पहली कि उरी में शहीद हुए हमारे जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा और उनके भाषण की दूसरी महत्वपूर्ण बात यह थी कि हम आतंकवाद को पनाह देने वाले एकमात्र देश (पाकिस्तान) को दुनिया के पटल पर अलग-थलग कर देंगे। इस बयान को दिए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए और
यह सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक नहीं, मोदी का ‘मास्टर स्ट्रोक’ है!
पिछले एक सप्ताह से तकरीबन हरेक जगह भारत के पाकिस्तान पर किए सर्जिकल स्ट्राइक की ही चर्चा है। और, यह न समझिए कि अपने एसी चेंबर में बैठकर केवल एंटरटेनमेंट चैनल के स्वयंभू विद्वान ही इस पर मशविरा कर रहे हैं। गुवाहाटी से गुड़गांव और दार्जिलिंग से दरभंगा तक, इसके चर्चे गरम हैं। बाल काटनेवाले नाई से लेकर कपड़े प्रेस करनेवाले भाई तक, हरेक आदमी की इस मुद्दे पर राय है और फैसला है।
भारत के आगे रणनीतिक और कूटनीतिक दोनों ही मोर्चों पर धराशायी हुआ पाक
श्रीनगर के उड़ी में भारतीय सेना के कैम्प पर पाक-प्रेरित आतंकियों द्वारा किए गए हमले और उसमें दो दर्जन जवानों के शहीद होने के बाद से ही देश में भीषण आक्रोश का माहौल व्याप्त था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी हमले के बाद देश को आश्वस्त किया था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन, इस देश में पिछली सरकारों के दौरान ऐसे बयानों के क्रियान्वयन के रूप में ‘कड़ी निंदा’ से लेकर पाकिस्तान
भारत जैसे कहेगा हम चलेंगे, हमारी आवाम आपके साथ है : मज़दक दिलशाद बलूच
मजदक दिलशाद बलूच, बलूच आन्दोलन से जुड़े हुए बलूच नेता हैं एवम् वर्तमान में कनाडा मे निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। बचपन में ही पाकिस्तान के अत्यचार के कारण इनका परिवार बलूचिस्तान छोड़ने को मजबूर हो गया था। आपकी माता नीला क़ादिरि बलुच “विश्व बलूच वुमन फ़ोरम्” की अध्यक्षा हैं एवम् आपके पिता मीर
विश्व बिरादरी में पाक को अलग-थलग करने की दिशा में बढ़ती भारतीय विदेश नीति
अभी ज्यादा समय नहीं हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान के प्रति अपनी नीति को स्पष्ट करते हुए कहा था कि हमें बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार के हनन का प्रश्न दुनिया के पटल पर अवश्य उठाना चाहिए। इसके बाद से ही बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन और भारत के सहयोग के प्रति धन्यवाद की खबरें आने लगीं थीं। पाकिस्तान अलग-थलग पड़ने लगा था। दुनिया
राफेल के आने से बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत
आखिरकार लंबे इंतज़ार के बाद भारत और फ्रांस के बीच बहुप्रतीक्षित राफेल डील पर मुहर लग गयी। इस सौदे के तहत फ्रांस भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमान देगा। भारत और फ्रांस सरकार के बीच राफेल लड़ाकू विमानों के लिए 7।87 अरब यूरो (करीब 59,000 करोड़ रूपए) के सौदे पर सहमति बनी है। ज्ञातव्य हो कि फ्रांस के रक्षामंत्री ज्यां ईव ल द्रियां और भारत के रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने 23 सितम्बर, 2016 को
युद्ध की बात करने वाले क्या युद्ध झेलने के लिए तैयार हैं ?
दिनकर के इन्हीं शब्दों में भारत की उन्नत्ति और सभी समस्याओं का समाधान है। आज भारत का बुद्धिजीवी वर्ग असमंजस में है, बहुत-सी भ्रामक धारणाएँ उन्हें दिगभ्रमित कर रही हैं! कायरतापूर्ण दर्शन और कुटिल हृदय-मस्तिष्क से देश का उद्धार नहीं होने को! आज मानवाधिकार, धर्मनिरपेक्षता, सर्वधर्म समभाव की बातें बेमानी है, कोरा वितंडावाद है! सच तो ये है कि देश में एक अच्छा-खासा वर्ग है जो शल्य
मोदी सरकार की नीतियों से हर क्षेत्र में बदल रही देश की तस्वीर!
मोदी सरकार के अबतक के कार्यकाल पर एक दृष्टि डालें तो उसने गरीबों के हित में अनेक योजनाएं प्रारंभ की। गरीब परिवारों के लिए बैंकों के दरवाजे खुले, उनका बैंक अकाउंट खोला गया। गरीबों के बैंक अकाउंट को जीवन ज्योति बीमा, जीवन सुरक्षा बीमा और अटल पेंशन योजना के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा कवच से जोड़ा गया। डीबीटी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि गरीबों की सब्सिडी सीधे उनके
अब होगा पाक पर भारत की बलूचिस्तान नीति का असली वार!
प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रियों द्वारा जबसे बलूचिस्तान में की जा रही हैवानियत को लेकर पाकिस्तान को आड़े हाथों लेने की शुरुआत की गई है, तबसे पाकिस्तान हर तरह से एकदम बैकफुट पर नज़र आ रहा है। इसके अलावा उसके द्वारा कब्जाए गए कश्मीर का मुद्दा भी भारत अब पूरे दमखम के साथ उठा रहा है, इस बात ने पाकिस्तान को अलग हलकान किया हुआ है। चीन, अमेरिका जैसे उसके वैश्विक साझीदार