कोरोना से जंग में मजबूती से जीत की ओर बढ़ रहा भारत, सावधानी की है जरूरत
अभी देश कोरोना महामारी से लड़ाई में निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुका है, अतः अब विशेष रूप से सावधानी की जरूरत है ताकि शीघ्र ही हमें इसपर जीत हासिल हो।
संयुक्त राष्ट्र के मंच से प्रधनामंत्री मोदी ने असंख्य भारतीयों की आकांक्षा को आवाज दी है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए पूरी दुनिया को संयुक्त राष्ट्र के 75 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रमुखता से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का मुद्दा भी उठाया।
राफेल के जरिये भारत-फ़्रांस का संयुक्त सामरिक संदेश
पिछले दिनों राफेल लड़ाकू विमान विधिवत भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए। कोई अन्य अवसर होता तो शायद इसका सन्देश इतना व्यापक नहीं होता।
इनोवेशन के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा भारत, वैश्विक रैंकिंग में फिर आई उछाल
जीआईआई रैंकिंग में 4 पायदान का सुधार करके भारत मध्य और दक्षिण एशिया में नवोन्मेष के मामले में पहले स्थान पर काबिज हो गया है।
चीन की मनमानी हरकतों पर लगाम लगाएगा क्वाड, भारत भी है शामिल
चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच ‘क्वैड’ (क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलाग) नाम का गठबंधन ठोस आकार लेने लगा है।
कोरोना से लड़ाई में सधे हुए कदमों के साथ जीत की ओर बढ़ता भारत
अब तक देश में लगभग 3.7 करोड़ सेंपल की जांच हो चुकी है। इसके साथ ही संक्रमण की दर गिरकर मात्र 8.60 प्रतिशत रह गई है।
मोदी सरकार की नीतियों से भारत में वित्तीय समावेशन को मिल रही गति
केंद्र में वर्तमान मोदी सरकार के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से तो वित्तीय समावेशन के कार्यान्वयन में बहुत अधिक सुधार देखने में आया है।
लगातार मजबूत हो रहे भारत-अमेरिका आर्थिक संबंध
हाल के समय में भारत और अमेरिका के बीच आपस में व्यापार और निवेश के सम्बंध मज़बूत होते जा रहे हैं। विशेष तौर पर विदेशी व्यापार के क्षेत्र में अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा साझीदार बन गया है।
भारत-चीन तनाव के बीच एकबार फिर उजागर हुआ वामपंथियों का चीनपरस्त चेहरा
1962 में चीन के आक्रमण के समय वामपंथियों ने खुलेआम चीन का साथ दिया और बीजिंग नजदीक, दिल्ली दूर का नारा लगाया। यह उनका असली चेहरा था।
चीन तो पीछे हट गया, कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर सतही राजनीति करने से कब पीछे हटेगी?
भारत-चीन के बीच सीमा पर चल रहा गतिरोध चीन के पीछे हटने के साथ समाप्त हो चुका है और डोकलाम प्रकरण के बाद एकबार फिर साबित हो गया है कि ये नए दौर का भारत है, जो अपनी राष्ट्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं करेगा।