भारत

कोरोना काल में भी वैश्विक वित्तीय संस्थानों के भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसे की वजह क्या है?

वैश्विक स्तर पर कई वित्तीय संस्थानों जैसे विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आदि ने वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर कोरोना महामारी के कारण होने वाले सम्भावित प्रभाव का आँकलन करने का प्रयास किया है।

एप बैन : चीन पर मोदी सरकार की ये डिजिटल स्ट्राइक देश के युवाओं के लिए एक अवसर है

ये सारे एप देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा भी थे। इन कारणों को मापदंड बनाकर इन्‍हें प्रतिबंधित किया गया। इन्‍हें लेकर सरकार को लंबे समय से शिकायतें प्राप्‍त हो रही थीं।

’सरकार से जवाब माँगना छोड़े, राजीव गांधी फाउंडेशन मामले में उठ रहे सवालों का जवाब दे कांग्रेस’

जिस तरह से राजीव गांधी फाउंडेशन का प्रकरण सामने आया है और कांग्रेस का चीनी चंदे का कनेक्शन खुला है, उसने नए सवाल खड़े किए हैं।

बात-बात में तानाशाही का रोना रोने वाले वामपंथी चीन के विस्तारवादी रुख पर चुप्पी क्यों साध लेते हैं?

जो वामपंथी कला-संस्कृति जैसे क्षेत्रों में भी तथाकथित साम्राज्यवाद आदि का आए दिन हौव्वा खड़ा किए रहते हैं, वे चीन की विस्तारवादी रवैय्ये पर एक शब्द भी नहीं बोलते!

भारत-चीन प्रकरण: विदेश नीति के मामले में तो अपनी अपरिपक्व बयानबाजी से बाज आएं राहुल गांधी

घरेलू राजनीति में अपरिक्‍वता का परिचय देने वाले राहुल गांधी जिस तरह विदेशी मामलों में राजनीतिक लाभ के लिए गलतबयानी कर रहे हैं, वह देश के लिए घातक है।

कोरोना संकट में भी पूरा विश्व जता रहा है भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा

भारतीय इतिहास में पहली बार देश में विदेशी मुद्रा भंडार ने 500 बिलियन (50,000 करोड़) अमेरिकी डॉलर के आँकड़े को पार करते हुए 501.70 बिलियन (50,170 करोड़) अमेरिकी डॉलर के स्तर को छुआ है।

जिनकी सरकारों ने कभी सीमा पर ध्यान नहीं दिया, वे सीमा सुरक्षा को लेकर पीएम पर किस मुंह से सवाल उठा रहे हैं?

यह देश का सौभाग्य ही है कि उसने ऐसे कुचक्रों एवं भ्रामक प्रचारों को अस्वीकृत कर निर्वाचित नेतृत्व को और अधिक सशक्त बनाकर अपनी प्रगति का पथ प्रशस्त किया।

कांग्रेस सरकारों की उपेक्षा का नतीजा है भारत-चीन सीमा विवाद

देखा जाए तो आज जो स्‍थिति बनी है वह कांग्रेसी सरकारों की लंबे अरसे की उपेक्षा का नतीजा है। इसी को देखते हुए 2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते ही नरेंद्र मोदी ने चीन सीमा से लगते इलाकों में सड़क और दूसरी आधारभूत परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी

पीओके पर भारत के कड़े रवैये से थरथराता पाकिस्‍तान

पाकिस्‍तान ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत कभी पाक अधिकृत कश्‍मीर की ओर नजर उठा कर देखेगा भी। इसी का नतीजा है कि जैसे ही भारतीय मौसम विभाग ने पाकिस्‍तान के गिलगिट, मुजफ्फराबाद, मीरपुर का तापमान बताना शुरू किया वैसे ही पाकिस्‍तान की नींद हराम हो गई।

हेमचन्द्र विक्रमादित्य : जिन्होंने बर्बर मध्यकाल में 22 लड़ाइयाँ जीतीं और दिल्ली के सम्राट भी बने

आज के दिल्ली का कुतुब मीनार क्षेत्र तुग़लकाबाद – 7 अक्टूबर 1556 को हेम चंद्र विक्रमादित्य के नाम से प्रसिद्ध हेमू विक्रमादित्य और तार्दी बेग खान के नेतृत्व में मुगल सम्राट अकबर की सेनाओं के बीच लड़ी गई एक उल्लेखनीय लड़ाई का मेजबान बन गया।