दुनिया भर में देश का मान बढ़ाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
इस विश्वव्यापी समर्थन को देखते हुए ही मोदी ने फिजी में कहा कि भारत विश्व गुरु की भूमिका निभाएगा और अपने ज्ञान शक्ति से विश्व का नेतृत्व करेगा।
उपयोगी रही प्रधानमंत्री मोदी की भूटान यात्रा
भूटान बहुत छोटा देश है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देशों से संबन्ध बेहतर रखने के मामले में उसे भी पूरा महत्व दिया। यह भारत की सहयोगी विदेश नीति है, जिसमें किसी देश को अपनी विशालता के दम पर उपेक्षित रखने का भाव नहीं होता। पाकिस्तान की बात अलग है।
सरकार और सेना की दृढ़ता का परिणाम है डोकलाम की कूटनीतिक जीत
डोकलाम मुद्दे पर 73 दिनों तक चीनी सेना के साथ आंखों में आंखें डालकर खड़ा रहने का माद्दा भारत ने दिखाया है, इसके लिए सरकार और भारतीय सेना दोनों ही निश्चित तौर पर बधाई के पात्र हैं। इसे न सिर्फ एक कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है बल्कि भारत ने पाकिस्तान जैसे और भी कई देशों को कड़ा सन्देश भी दिया है कि भारत कठिन परिस्थितियों में भी ठोस कदम उठाने की हिम्मत रखता है।
अब चीन के हर ‘पैंतरे’ का माकूल जवाब देने लगा है भारत !
डोलाम (डोकलाम) को लेकर चीन की बढ़ती आक्रामकता को रोकने में भारत सफल हो रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी इस मामले में भारत के ही साथ खड़ा नज़र आ रहा। भूटान ने भी साफ़ शब्दों में चीन को समझा दिया है कि डोलाम को वो चीन का हिस्सा नहीं मानता है। डोलाम जो कि भूटान और चीन का विवादित क्षेत्र है, कुछ महीनों से तंग माहौल के वजह से चर्चे में है। ये क्षेत्र वर्षों से भूटान और चीन के बीच टकराव का मुद्दा
डोलाम विवाद : भारत ने सेना की तैनाती बढ़ाकर चीन को दिया कठोर सन्देश
डोकलाम सीमा पर भारत व चीन के बीच तनाव दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। इसी सप्ताह चीन ने लगातार अलग-अलग माध्यमों से भारत को धमकी देकर डोकलाम से अपनी सेना हटाने के लिए कहा और चीन के कथित रक्षा विशेषज्ञ भी जंग की धमकी देने से बाज नहीं आए। इन सब तनावपूर्ण स्थितियों के बीच एक अहम सूचना यह सामने आई है कि भारत ने चीन की परवाह न करते हुए सेना हटाने की बजाय उल्टे और सेना
भारत से युद्ध की हालत में नहीं है चीन, ऐसा किया तो ये उसकी बहुत बड़ी भूल होगी !
चीन में स्थिति ये है कि वहाँ कभी बेहद सस्ती रही श्रम शक्ति अब धीरे-धीरे बढ़ते बुढ़ापे के कारण महँगी होती जा रही है, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव है। भारत में अपने उत्पादों के लिए बढ़ती मुश्किलों और आंतरिक रूप से डांवाडोल हो रही अर्थव्यवस्था के कारण ऊपर से मजबूत और चमक-दमक वाला दिख रहा चीन अन्दर ही अन्दर आर्थिक रूप से काफी परेशान है। ऐसे