जलमार्गों के जरिए बदलेगी देश की आर्थिक तस्वीर
हमारे देश में जलपरिवहन की समृद्ध परंपरा रही है। यहां की नदियों में बड़े-बड़े जहाज चला करते थे, लेकिन आजादी के बाद इसे बढ़ावा देने की बजाय इसकी उपेक्षा की गई। नेताओं का पूरा जोर रेल व सड़क यातायात विकसित करने पर रहा, क्योंकि इसमें नेताओं-भ्रष्ट नौकरशाहों-ठेकेदारों की तिकड़ी को मलाई खाने के भरपूर मौके थे। इतना ही नहीं, सड़क और रेल