कश्मीर की शांति बिगाड़ने के लिए सक्रिय हुआ गुपकार गिरोह, अमित शाह ने लिया आड़े हाथ
जम्मू-कश्मीर में हुई सुधारात्मक पहलों को अपनी निजी क्षति मानकर बैर पाल रहे नेता अब प्रदेश में दोबारा अराजकता लाना चाहते हैं। इसलिए ये गुपकार गठबंधन के रूप में सक्रिय हो रहे हैं।
जिनकी सरकारों ने कभी सीमा पर ध्यान नहीं दिया, वे सीमा सुरक्षा को लेकर पीएम पर किस मुंह से सवाल उठा रहे हैं?
यह देश का सौभाग्य ही है कि उसने ऐसे कुचक्रों एवं भ्रामक प्रचारों को अस्वीकृत कर निर्वाचित नेतृत्व को और अधिक सशक्त बनाकर अपनी प्रगति का पथ प्रशस्त किया।
कश्मीर के राजनीतिक हल की बात करने वाले इस ‘राजनीतिक हल’ को क्यों नहीं पचा पा रहे?
कश्मीर में “कुछ बड़ा होने वाला है” के सस्पेंस से आखिर पर्दा उठ ही गया। राष्ट्रपति के एक हस्ताक्षर ने उस ऐतिहासिक भूल को सुधार दिया जिसके बहाने पाक सालों से वहां आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में सफल होता रहा, लेकिन यह समझ से परे है कि कश्मीर के राजनैतिक दलों के महबूबा मुफ्ती, फ़ारूख़ अब्दुल्ला सरीखे नेता और कांग्रेस जो कल तक यह कहते थे कि कश्मीर समस्या का हल सैन्य कार्यवाही नहीं है बल्कि राजनैतिक है, वो मोदी सरकार के इस राजनीतक हल को क्यों नहीं पचा पा रहे हैं?
जायरा वसीम को मिल रही धमकियों पर वामपंथी बौद्धिकों की शर्मनाक ख़ामोशी
कश्मीर की सोलह साल की लड़की जायरा वसीम ने फिल्म ‘दंगल’ में अपनी भूमिका से लोगों का दिल जीत लिया था । गीता फोगट के बचपन का रोल करनेवाली जायरा ने अपने सशक्त अभिनय से ना केवल आमिर खान को प्रभावित किया था बल्कि दर्शकों पर भी अपने अभिनय की छाप छोड़ी थी । हाल ही में जायरा नसीम जब फिल्म की सफलता के बाद जब अपने घर कश्मीर गईं तो सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से