जयंती विशेष : गांधी कल भी प्रासंगिक थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे
जहाँ तक गाँधी की प्रासंगिकता का सवाल है तो उसके बरक्स अपनी ओर से कुछ कहने के बजाय कतिपय प्रसंगों-संदर्भों-आँकड़ों-घटनाओं-वक्तव्यों को जानना-समझना रोचक एवं सुखद रहेगा।
अमेरिकी कांग्रेस को सशक्त भारत का संबोधन
पीयूष द्विवेदी इसमे कोई संदेह नहीं कि दो वर्ष पूर्व मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक विदेशमंत्री, सुषमा स्वराज और प्रधानमन्त्री, नरेंद्र मोदी की सूझबूझ और कूटनीति से पूर्ण प्रयासों के मिश्रित फलस्वरूप भारतीय विदेश नीति को न केवल एक नई ऊँचाई और आयाम प्राप्त हुआ है बल्कि बतौर वैश्विक इकाई