मुद्रा स्फीति

ब्याज दरों में संतुलन से देश की विकास दर को मजबूत बनाए रखने में मिल रही सफलता!

विपरीत परिस्थितियों के बीच भी कई विकसित देश (विशेष रूप से अमेरिका एवं यूरोपीय देश) अभी भी ब्याज दरों को बढ़ाते जा रहे हैं। परंतु, भारतीय रिजर्व बैंक ने

भारतीय अर्थव्यवस्था का तेजी से हो रहा औपचारीकरण

गैर-औपचारीकृत लेनदेनों का योगदान वर्ष 2018 में 52 प्रतिशत था अर्थात देश में लगभग आधी अर्थव्यवस्था गैर-औपचारीकृत रूप से कार्यरत थी परंतु अब यह योगदान घटकर लगभग 20 प्रतिशत हो गया है।